उत्तर पश्चिम प्रशांत क्षेत्र में चल रही हीट-वेव के चलते अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में अचानक एयर कंडीशनर्स (AC) की मांग बहुत तेजी से बढ़ गई है। इनमें से कई लोग पहली बार AC खरीद रहे हैं, लेकिन AC से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के चलते अमेरिका के कई शहरों में लोग हीट पंप (heat pump) को तरजीह दे रहे हैं।
ये AC के मुकाबले बेहद कम बिजली खर्च करते हैं। कम बिजली की खपत होने के चलते इन्हें इस्तेमाल करने वाले घरों में कार्बन फुट प्रिंट यानी उनकी वजह से पैदा होने वाली CO2 की मात्रा भी घट जाती है।
एक रिसर्च के अनुसार हीट पंप के जरिए एक परिवार अपने घर को ठंडा या गर्म करने में 24 हजार रुपए सलाना तक की बचत कर सकता है। अमेरिका के एनर्जी डिपार्टमेंट का भी कहना है कि गर्म या ठंडा करने की आम जरूरतों के लिए हीट पंप AC के मुकाबले बेहतर हैं।
गर्म और ठंडी हवा को शिफ्ट करते हैं हीट पंप
दरअसल, एक रेफ्रिजरेटर की तरह हीट पंप हीट ठंडी जगह से गर्म जगह भेज देता है। इससे ठंडी जगह और ज्यादा ठंडी हो जाती है और गर्म जगह और ज्यादा गर्म। साफ है हीट पंप अपनी तरफ से न कोई हीट बनाते हैं और न ठंडी हवा। ये तो केवल हवा के जरिए गर्मी को एक-जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करते हैं।
एक उदाहरण से समझते हैं। अगर किसी कमरे में हीट पंप का इस्तेमाल हो रहा है तो यह कमरे की गर्मी को सोखकर उसे एक कंप्रेसर की मदद से बाहर छोड़ देगा। वहीं, हीटिंग मोड में, हीट पंप बाहर की गर्मी को सोखकर इसे घर के अंदर छोड़ देगा।
सिर्फ कंप्रेसर चलाने में खर्च होती है बिजली
हीट पंप मोटेतौर पर दो तरह के होते हैं। पहले तरह के हीट पंप जो जमीन से गर्मी को सोखते हैं, वहीं दूसरी तरह के पंप हवा से गर्मी सोखते हैं।
दरअसल, हीट पंप खुद न गर्म हवा बनाता है न ठंडी, इसलिए वह सैद्धांतिक तौर पर किसी तरह के ईंधन इस्तेमाल नहीं करता है। हालांकि इसके कंप्रेसर को चलने के लिए कुछ मात्रा में बिजली की जरूरत होती है।
यही वजह है कि हीट पंप को पूरी तरह से रिन्यूएबल टेक्नोलॉजी नहीं कहा जा सकता है, हालांकि AC के मुकाबले हीट पंप का कार्बन फुट प्रिंट कम होने के कारण पर्यावरण पर उसका काफी कम असर पड़ता है।
हर महीने बचा सकते हैं दो हजार रुपए तक
रिन्यूएबल एनर्जी हब यूके के मुताबिक सही से इस्तेमाल करने पर एक हीट पंप से 24 हजार रुपए सालाना यानी हर महीने करीब 2 हजार रुपए तक बचाए जा सकते हैं। फिलहाल हीट पंप के दाम AC के मुकाबले ज्यादा हैं।
भारत में अभी ज्यादातर कंपनियां इस तकनीक का इस्तेमाल पानी गर्म करने वाले हीट पंप बनाने में कर रहे हैं। ज्यादातर ठंडा गर्म करने वाले हीट पंप बड़े कॉमर्शियल बिल्डिंग जैसे होटल, ऑफिस, अस्पताल आदि के लिए तैयार हो रहे हैं।
घर को ठंडा या गर्म करने के लिए सामान्य हीट पंप 1.5 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक मिल सकते हैं। ब्रिटेन जैसे पश्चिम देशों में हीट पंप की कीमत 5 लाख रुपए से 8 लाख रुपए के बीच है। महंगा होने के बावजूद इसके इस्तेमाल से होने वाली बचत अच्छी होती है। ब्रिटेन के रिन्यूएबल एनर्जी हब (REH) के आकलन के मुताबिक गैस के जरिए अपना घर गर्म रखने वाला एक सामान्य परिवार हर साल 1.40 लाख रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक बचा सकता है।
आइए जानते हैं कैसे काम करता हैं हीट पंप
- हीट एनर्जी यानी ऊष्मा ज्यादा तापमान और वायुदाब से कम तापमान और वायुदाब की ओर जाती है। हीट पंप फिजिक्स की इस प्रॉपर्टी पर काम करता है।
- हीट पंप की इंडोर क्वाइल यानी कमरे के भीतर लगी क्वाइल में विशेष एक्सपेंशन डिवाइस के जरिए लिक्विड रेफ्रिजरेंट को बेहद कम दाब पर पंप किया जाता है।
- इस इंडोर क्वाइल पर ब्लोअर के जरिए घर के भीतर की गरम हवा को ब्लो किया जाता है। कम दाब वाले ठंडे रेफ्रिजरेंट से भरी क्वाइल गर्म हवा से फौरन ही हीट या ऊष्मा को सोखकर उसे ठंडा कर देते हैं।
- यह ठंडी हवा डक्ट के जरिए घर में भेजी जाती है।
- घर के भीतर की गर्म हवा से गर्मी सोखकर रेफ्रिजरेंट गैस में बदला जाता है।
- गैस में बदल चुका रेफ्रिजरेंट एक कंप्रेशर से गुजरता है, जो इसका दबाव बढ़ा देता है। इससे वह और गर्म हो जाता है। यानी कम मात्रा में ही रेफ्रिजेंट अपने साथ ज्यादा हीट को ले जाता है।
- यह गर्म और प्रेशराइज्ड रेफ्रिजरेंट अब घर के बाहर लगी यूनिट की हीट क्वाइल से गुजरता है।
- आउट डोर यूनिट में लगे पंखे की हवा इस क्वाइल की गर्मी सोखकर बाहर वातावरण में फैल जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान रेफ्रिजरेंट ठंडा होकर दोबारा लिक्विड में बदल जाता है।
- यह ठंडा लिक्विड रेफ्रिजरेंट को फिर से एक्पेंशन वॉल्व के जरिए भीतरी क्वाइल से गुजारा जाता है।
- यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है और कमरे के भीतर की हीट बाहर वातावरण में घुल जाती है और कमरा ठंडा हो जाता है।
- ठंड में जब कमरे को गर्म करना होता है कि इस प्रक्रिया को उल्टा कर दिया जाता है।
- बाहर का तापमान कम होने के बावजूद ज्यादा दबाव वाला रेफ्रिजरेंट गर्म हो जाता है और कमरे के भीतर उस हीट को रिलीज कर देता है।
- यानी हीट पंप बाहर की ठंडी हवा में मौजूद थोड़ी हीट को सोखकर अंदर कमरे में भेज देता है।
साभार-दैनिक भास्कर
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