लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने डीजीपी को कोविड के कारण एक सब इंस्पेक्टर व कुछ कांस्टेबलों के स्थानांतरण पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची सब इंस्पेक्टर व कांस्टेबल डीजीपी को अपना नया प्रत्यावेदन दो सप्ताह के भीतर दें, जिस पर वह अगले छह सप्ताह में निर्णय लेंगे और तब तक स्थानांतरण आदेश पर कार्यवाही नहीं की जाएगी।

यह आदेश जस्टिस विवेक चौधरी की पीठ ने सब इंस्पेक्टर शिव नारायण सिंह व कांस्टेबल अनूप कुमार सिंह आदि की ओर से अलग अलग दाखिल याचिकाओं पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए 31 मई को पारित किया। सब इंस्पेक्टर की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एच जी एस परिहार का कहना था कि लखनऊ में अभी भी लॉकडाउन चल रहा है और कोविड के कारण याची के पूरे परिवार को कठिनाइयोंं का सामना करना पड़ रहा है।

याचियों के अधिवक्ता सक्षम अग्रवाल का तर्क था की प्रदेश और देश मे कोविड-19 महामारी फैली है। ऐसी स्तिथी में यदि स्थानांतरण किया गया तो कोविड-19 फैलने का खतरा है । इन कर्मियो तथा इनके परिजन पर खतरा रहेगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन चल रहा है ऐसी स्थिति में परिवार सहित इतनी दूर जाना असंभव हैं। याची 14 दिन के भीतर प्रत्यावेदन डीजीपी उत्तर प्रदेश को देगे जब तक प्रत्यावेदन निरस्त नही होगा तब तक स्थानांतरण आदेश के क्रियावयन पर रोक रहेगी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सारी परिस्थितियों पर गौर करने के बाद डीजीपी को स्थानांतरण आदेश पर पुनर्विचार करने का आदेश दे दिया। वहीं अधिवक्ता सक्षम अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट ने कांस्टेबल अनूप कुमार सिंह व अन्य कुछ अन्य कांस्टेबलों के मामले में समान आदेश पारित किया है।साभार-दैनिक जागरण

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