नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) 3 मई (सोमवार) को अपना 27 वां स्थापना दिवस मना रहा है। साल दर साल अपनी सेवाओं में इजाफा करते हुए दिल्ली मेट्रो 27 सालों के दौरान कई उपलब्धि अपने नाम कर चुकी है। 27 सालों में कमाई से लेकर यात्रियों की संख्या के कई बार कीर्तिमान टूटे हैं। 3 मई को अस्तित्व में आने वाली दिल्ली मेट्रो की पहली ट्रेन 24 दिसंबर, 2002 को 8.4 किलोमीटर लंबे शाहदरा–तीसहजारी कॉरीडोर पर दौड़ी थी। फेज वन के पहले कॉरिडोर में सिर्फ 6 स्टेशन थे। 11 नवंबर 2006 में पहले फेज के अंतिम कॉरीडोर (बाराखंभा से इंद्रप्रस्थ) के बीच मेट्रो ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ था। पिछले एक साल के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगने की स्थिति को छोड़ दें तो दिल्ली मेट्रो गुरुग्राम, फरीदाबाद, बहादुरगढ़, नोएडा और गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में चलती है, जिसमें रोजाना 30 लाख से अधिक लोग सफर करते हैं।

वहीं, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक्वा लाइन मेट्रो का संचालन होता है, जिसमें रोजाना तकरीबन 20 हजार लोग यात्रा करते हैं। वहीं, दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने पिछले साल ही गुरुग्राम में संचालित रैपिड रेल को अधिग्रहण किया है। तकरीबन 12 किलोमीटर चलने वाली गुरुग्राम रैपिड मेट्रो के जरिये रोजाना करीबन 60,000 लोग सफर करते हैं,वहीं, दिल्ली-एनसीआर के लोग भी इससे लाभान्वित हो रहे हैं। हालांकि, कोरोना के चलते दिल्ली मेट्रो के सभी रूटों यात्रियों की संख्या घटी है, इसके लिए ट्रेन यात्रा के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराना भी है।

3 मई, 1995 को अस्तित्व में आई थी दिल्ली मेट्रो

27 सालों के अपने सफर के दौरान दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने 400 किलोमीटर से अधिक लंबा नेटवर्क स्थापित कर लगभग 30 लाख लोगों के रोजाना आवागमन को सुगम बनाया है। इसके बाद डीएमआरसी के फेज दो की शुरुआत 3 जून 2008 को हुई, जो 27 अगस्त 2011 में पूरा हुआ। इस फेज में 125.07 किलोमीटर में मेट्रो का विस्तार कर 82 स्टेशनों का निर्माण किया गया। चौथे फेज का काम खत्म होने के बाद दिल्ली मेट्रो  दुनिया की सबसे बड़ी मेट्रो बन सकती है।

यह भी जानें

  • 25 दिसंबर 2002 को मेट्रो ऑपरेशन के पहले दिन चार मेट्रो ट्रेनों ने शाहदरा से तीस हजारी मेट्रो स्टेशन के बीच एक दिन में करीब 186 चक्कर लगाकर 1170 किलोमीटर की दूरी तय की थी।
  • 2015 के लिए बेस्ट स्टेशन की ट्रॉफी मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन को मिली थी।

2021 तक विश्व का तीसरा सबसे लंबा मेट्रो रेल नेटवर्क होता

  • 2021 तक दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 490 किलोमीटर का हो जाता, लेकिन कोरोना ने इसकी रफ्तार रोक ली। इसके साथ दिल्ली मेट्रो विश्व का तीसरा सबसे लंबा नेटवर्क बन जाता। वर्तमान में विश्व का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क शंघाई का है जो करीब 588 किलोमीटर तक फैला है।
  • दूसरे पायदान में 554 किलोमीटर लंबे मेट्रो रेल नेटवर्क के साथ बीजिंग मेट्रो का है। 400 किलोमीटर लंबे मेट्रो रेल नेटवर्क के साथ 11वें पायदान पर है। दिल्ली मेट्रो से पहले क्रमश: शंघाई, बीजिंग, लंदन, न्यूयार्क, मास्को, सियोल, मादरिद, मैक्सिको और पेरिस हैं।
  • दिसंबर 2016 में तीसरे फेस का निर्माण कार्य पूरा होने के साथ दिल्ली मेट्रो न्यूयार्क, मास्को, सियोल, मादरिद, मैक्सिको और पेरिस मेट्रो को पीछे छोड़ते हुए विश्व का चौथा सबसे लंबा मेट्रो नेटवर्क हो गया था। साभार-दैनिक जागरण
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