Lockdown Extension in Delhi: दिल्ली के 200 से अधिक बाजारों को भाया अरविंद केजरीवाल का फैसला, 3 मई तक चलेगा लॉकडाउन

पढ़िए दैनिक जागरण की ये खबर…

Delhi Lockdown Extension सीटीआइ के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम भी दिल्ली के तमाम व्यापारियों से इस पर रायशुमारी कर रहे थे। इस दौरान 70 फीसद व्यापारियों ने दोबारा पांच से सात दिन का लॉकडाउन लगाने की राय दी थी।

नई दिल्ली,लॉकडाउन बढ़ाने के दिल्ली सरकार के फैसले का बाजार ने स्वागत किया है। दिल्ली के 200 से अधिक बाजारों द्वारा लगातार इसकी मांग भी की जा रही थी। फैसले को सही बताते हुए कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) व चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) ने कहा कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए यह जरूरी था। सीटीआइ के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम भी दिल्ली के तमाम व्यापारियों से इस पर रायशुमारी कर रहे थे। इस दौरान 70 फीसद व्यापारियों ने दोबारा पांच से सात दिन का लॉकडाउन लगाने की राय दी थी। अच्छी बात यह है कि दिल्ली सरकार ने एक साथ 15 दिन का लॉकडाउन नहीं लगाया, अगर ऐसा होता तो बड़ी संख्या में कर्मचारी और श्रमिक अपने गांवों की ओर पलायन कर सकते थे।

ब्रजेश गोयल ने कहा कि लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारी वर्ग को ही झेलना पड़ता है, लेकिन वर्तमान परिवेश में व्यापार से बढ़कर लोगों की जिंदगी है। वहीं, कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ऑकडाउन आगे बढ़ाने का स्वागत करते हुए कहा कि दिल्ली की मौजूदा गंभीर होते हालात को देखते हुए इसकी आवश्यकता थी। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सीय सुविधाओं की गैर-उपलब्धता, ऑक्सीजन की अत्यधिक कमी, आवश्यक दवाओं की अनुपलब्धता और अपंग हो चुके दिल्ली के चिकित्सा ढांचे के मद्देनजर यह जरूरी हो गया था।

उन्होंने बताया कि सरकार को सहायता देने के लिए कैट ने अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं। कैट ने दिल्ली में ‘आक्सीजन बैंक’ बनाने का फैसला किया है। हालांकि, लॉकडाउन बढ़ाने से प्रवासी कामगारों की घर वापसी के मामलों में बढ़ोतरी की आशंका है। इस संबंध में फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री राजेंद्र शर्मा ने शासन-प्रशासन से आग्रह करते हुए कहा कि बाजार में अभी तक मौजूद कामगारों को रोकने के प्रयास होने चाहिए। इसके लिए उन्हें भोजन के साथ अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। साभार-दैनिक जागरण

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