महिला कमांडो की ताकत: CISF की नई योजना से VIP सुरक्षा और एयरपोर्ट-मेट्रो होंगे व भी सुरक्षित

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में ऐलान किया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) जल्द ही अपनी पहली महिला बटालियन का गठन करेगा, जो देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी। यह महिला बटालियन हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशन जैसे संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ-साथ वीआईपी सुरक्षा के लिए भी कमांडो के रूप में कार्य करेगी।
इस ऐतिहासिक कदम के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण है, जिसमें राष्ट्र निर्माण के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को बढ़ावा देना है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे मोदी सरकार के लिए एक मजबूत कदम बताते हुए कहा कि यह महिलाओं को सुरक्षा बलों में अधिक भागीदारी का अवसर देगा और देश की रक्षा कार्यों में उनका योगदान सुनिश्चित करेगा।
केंद्र सरकार ने सोमवार को CISF में 1000 से अधिक कर्मियों की तैनाती वाली इस महिला बटालियन को मंजूरी दी है। इससे CISF में महिला कर्मियों की संख्या बढ़कर सात प्रतिशत हो जाएगी, जो वर्तमान में लगभग 1.80 लाख है।
इस निर्णय से न केवल महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था में महिलाओं की अहम भूमिका को भी उजागर किया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि यह कदम महिला कर्मियों के लिए नए अवसर पैदा करेगा और सुरक्षा के मोर्चे पर उनकी भागीदारी को और प्रभावशाली बनाएगा।
इससे पहले, केंद्र सरकार ने आतंकवादी खतरों के मद्देनजर वीआईपी सुरक्षा में बदलाव करते हुए ‘एनएसजी’ (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के कमांडो को हटाकर सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) को जिम्मेदारी सौंप दी थी। अब नौ विशिष्ट वीआईपी की सुरक्षा सीआरपीएफ द्वारा की जाएगी, जो पहले एनएसजी की ब्लैक कैट कमांडो के जिम्मे थी।
इस बदलाव के साथ, सरकार का उद्देश्य न केवल सुरक्षा बलों की तैनाती को और प्रभावी बनाना है, बल्कि महिला कर्मियों की भागीदारी बढ़ाकर सुरक्षा क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्थापित करना है।
इस कदम से महिलाओं को एक नई पहचान मिलेगी और यह साबित होगा कि देश की सुरक्षा में उनकी भूमिका सिर्फ सीमित नहीं, बल्कि प्रभावी और सशक्त है।
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