मणिपुर में AFSPA की वापसी: केंद्र का सुरक्षा को लेकर अहम फैसला

मणिपुर:- पिछले कई महीनों से जारी जातीय हिंसा के बीच केंद्र सरकार ने राज्य में एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर के पांच जिलों के छह पुलिस थानों को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित करते हुए वहां AFSPA (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट) लागू करने की अधिसूचना जारी की है। इन जिलों में इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिष्णुपुर शामिल हैं।
मणिपुर के बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन इलाकों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं। बुधवार को करीब 20 नई सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) कंपनियों को मणिपुर भेजा गया और उन्हें तत्काल प्रभाव से तैनात कर दिया गया। अब इन सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाने, संदिग्धों को गिरफ्तार करने और जरूरत पड़ने पर गोली चलाने का अधिकार प्राप्त होगा।
पिछले साल मई से मणिपुर में जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। हाल ही में मणिपुर के जिरीबाम जिले में एक बड़ी मुठभेड़ में सीआरपीएफ ने उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ की, जिसमें 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। इसके बाद इलाके में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई और एक दिन बाद उग्रवादियों ने छह नागरिकों का अपहरण कर लिया, जिसमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
गृह मंत्रालय द्वारा AFSPA लागू किए जाने से सुरक्षा बलों को इन अशांत क्षेत्रों में अधिक शक्तियां मिल गई हैं, जिससे उम्मीद की जा रही है कि मणिपुर में हिंसा की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकेगा। हालांकि, स्थिति अभी भी काफी संवेदनशील बनी हुई है और आने वाले समय में सुरक्षा बलों की कार्रवाई से स्थिति में कोई सुधार आता है या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।
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