Indian Railways: प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला तेज, ट्रेनों में मिल रहे सबसे अधिक संक्रमित

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पिछले पांच दिनों में दूसरे राज्यों से यात्रियों के आंकड़े के विश्लेषण के आधार पर यह पता चल रहा कि ट्रेन से आने वाले यात्रियों में सबसे अधिक संक्रमित मिल रहे। दूसरे राज्यों से रवाना होने वाली ट्रेनों में चढ़ने वाले यात्रियों की जांच नहीं होती है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के ट्रेनों के आने का सिलसिला जारी है। पुणे से एक ट्रेन मंगलवार को भागलपुर पहुंचेगी। पिछले पांच दिनों में दूसरे राज्यों से आईं ट्रेन, फ्लाइट और बसों के यात्रियों के आंकड़े के विश्लेषण के आधार पर यह पता चल रहा कि ट्रेन से आने वाले यात्रियों में सबसे अधिक संक्रमित मिल रहे। इसकी वजह यह है कि दूसरे राज्यों से रवाना होने वाली ट्रेनों में चढ़ने वाले यात्रियों की जांच नहीं होती है। इनमें ज्यादातर कोरोना की वजह से काम-धंधा नहीं मिलने और लाकडाउन के खौफ के कारण वापस घर जा रहे हैं। कई लोग परिवार में शादी के चलते और कई खेती के कामों के लिए भी घर लौट रहे हैं। हालांकि ज्यादातर आप्रवासियों का कहना है कि यदि मुंबई और पुणे जैसे शहरों में ठीक-ठाक काम मिल रहा होता तो शायद वापस नहीं जाते।

उत्तर भारत के कई राज्यों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर गांवों तक पहुंच गया है। कोरोना के पहले दौर में राज्य के गांव पूरी तरह सुरक्षित थे, जबकि करोड़ों प्रवासी कामगार लौटे थे। इस बार प्रवासी श्रमिकों के लौटने का क्रम अब शुरू हो रहा है, लेकिन वायरस का संक्रमण गांवों तक पहुंच चुका है। कई राज्यों में एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों की जांच की व्यवस्था की तरह गांवों में भी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है यह महज खानापूर्ति बन कर रह गया है।

पिछले दिनों भोपाल स्टेशन से गुजरी लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गोरखपुर ट्रेन खचाखच भरी थी। गोरखपुर जा रहे 50 वर्षीय फयाजुद्दीन ने बताया कि अभी वह जमीन की नपाई कराने जा रहे हैं। मुंबई में काम अभी मंदा चल रहा है। कोरोना और लॉकडाउन से जिस तरह का माहौल बना है, उस कारण गांव में ही जीवनयापन के विकल्प के रूप में देख रहे हैं।

पुणे स्पेशल ट्रेन से बिहार के दानापुर पहुंचे मधुबनी निवासी विजय कुमार ने कहा कि पिछली दफा दूसरों से मांगकर खाना पड़ा था। जैसे-तैसे ट्रक में खड़े होकर गांव पहुंचे थे। फिर वहां वैसी ही स्थिति है। सोचा कि हालात और खराब हों, इससे पहले गांव पहुंच जाएं।

सेंट्रल रेलव के मुख्य पीआरओ ने कहा है कि यह एक सामान्य भीड़ है। लोगों को घबराने की कोई बात नहीं है। नियमित ट्रेनों के अलावा हम 106 अतिरिक्त ट्रेनें चला रहे हैं। केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति होगी, अनावश्यक भीड़ से बचने के लिए 6 स्टेशनों पर टिकट बिक्री हो रही है।  साभार-दैनिक जागरण

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