गायत्री मंत्र और प्राणायाम कोरोना में कितने असरदार पर ‘रिसर्च’- प्रेस रिव्यू

पढ़िए बीबीसी न्यूज़ हिंदी की ये खबर…

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उस क्लीनिकल ट्रायल के लिए आर्थिक मदद दी है, जिसमें यह पता किया जा रहा है कि क्या गायत्री मंत्र के उच्चारण और प्राणायाम करने से कोरोना मरीज़ तेज़ी से स्वस्थ होते हैं.

ख़बर में कहा गया है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री में इसे दर्ज कराया गया है जिसका मक़सद ठीक-ठाक लक्षण वाले कोरोना संक्रमण के 20 मरीज़ों को रिक्रूट करना है, जिन्हें दो समूहों में बाँटा जाएगा.

इनमें से एक समूह को मानक उपचार दिया जाएगा जबकि दूसरे समूह को मानक उपचार के साथ 14 दिन तक गायत्री मंत्र का उच्चारण और योग-शिक्षक की निगरानी में साँस संबंधी व्यायाम कराया जाएगा.

इसके बाद दोनों समूहों के मरीज़ों की हालत में होने वाले सुधार की तुलना की जाएगी. हालांकि इस परीक्षण को कोरोना संक्रमण से गंभीर रूप से पीड़ित मरीज़ों पर नहीं आज़माया जाएगा.

‘शादी जैसे आयोजनों ने बढ़ाई कोरोना मरीजों की संख्या’

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, केंद्र सरकार के शुरुआती मूल्यांकन से पता चला है कि शादी जैसे आयोजनों की वजह से देश में कोरोना वायरस तेज़ी से फैला है जहां लोग हाल के महीनों में पहले अधिक लापरवाह हुए हैं.

शुक्रवार को भारत में कोरोना वायरस के 40,000 से अधिक नए मरीज़ों का पता चला जो बीते साल नवंबर के बाद से अब तक सबसे बड़ा आंकड़ा है, जबकि इस साल फरवरी में हर हफ्ते लगभग 11,000 मामले ही सामने आ रहे थे.

नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल का कहना है कि ”लोग लापरवाह हो गए हैं, हमें समझना चाहिए कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी ख़तरे में है, ख़ासतौर पर गांव. इस चरण में हम ढिलाई नहीं बरत सकते और हमें भीड़ जुटने वाले आयोजनों से बचना चाहिए.”

आठवें तक पढ़े ‘सर्जन’ ने दाढ़ी बनाने के ब्लेड से की सर्जरी, मां-बच्चे की मौत

टाइम्स ऑफ इंडिया की ख़बर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर ज़िले में 30 साल के एक व्यक्ति ने दाढ़ी बनाने वाले रेज़र ब्लेड से गर्भवती महिला की सर्जरी की और अधिक ख़ून बह जाने की वजह से मां-बच्चे दोनों ने दम तोड़ दिया.

ख़बर में कहा गया है कि कक्षा आठ तक पढ़े राजेंद्र शुक्ला को मालिक राजेश साहनी ने अपने मां शारदा हॉस्पिटल में एक साल पहले सर्जरी करने के लिए काम पर रखा था.

सुल्तानपुर के सैनी गांव में इस हॉस्पिटल में ज़रूरी उपकरणों के नाम पर कुछ नहीं है और राजेश साहनी ने कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया था.

मृतक महिला के पति की शिकायत पर पुलिस ने शुक्ला और साहनी दोनों को गिरफ्तार किया है.

‘आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा पर हो पुनर्विचार’

दैनिक जागरण की ख़बर के मुताबिक, आरक्षण की तय अधिकतम 50 फीसद सीमा को लांघकर महाराष्ट्र में मराठों को आरक्षण देने वाली राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस सीमा को हटाए जाने की मांग की है.

महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि 50 फीसद सीमा तय करने वाले इंदिरा साहनी मामले में दिए गया फ़ैसला अब व्यावहारिक नहीं रहा और उसे दोबारा विचार के लिए 11 न्यायाधीशों की पीठ के पास भेजा जाना चाहिए.

महाराष्ट्र सरकार ने इस ओर भी ध्यान दिलाया है कि संसद ने भी आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का क़ानून बनाते समय आरक्षण की अधिकतम 50 प्रतिशत सीमा को पार किया है.

सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ मराठा आरक्षण की वैधानिकता पर इनदिनों सुनवाई कर रही है जहां वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी महाराष्ट्र सरकार की ओर से दलीलें पेश कर रहे हैं.साभार-बीबीसी न्यूज़ हिंदी

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