गाजियाबाद,फर्जी बैनामे पर लिया 55 लाख का ऋण

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गाजियाबाद : फर्जी बैनामा बंधक रख दंपती ने 55 लाख रुपये का ऋण ले लिया। बकाया वसूली की प्रक्रिया शुरू की तो फाइनेंस कंपनी को फर्जीवाड़े का पता चला। एसएचओ विजयनगर महावीर सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर टाटा कैपिटल हाउसिग फाइनेंस लिमिटेड के प्रतिनिधि मनोज शर्मा की ओर से प्रताप विहार निवासी पवन वत्स व उनकी पत्नी सीमा के खिलाफ धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

एसएचओ ने बताया कि प्रताप विहार निवासी पवन वत्स ने करीब पांच साल पहले कंपनी की गुरुग्राम शाखा से अपनी पत्नी के नाम दर्ज फ्लैट का बैनामा बंधक रखकर 55 लाख रुपये का ऋण लिया था। मगर इसकी किस्तों का भुगतान नहीं किया। कंपनी ने फ्लैट पर नोटिस चस्पा करने गई तो पता चला कि फ्लैट किसी और का है। पड़ताल के बाद जानकारी हुई कि पवन ने यह फ्लैट ऋण लेने से पहले ही कविनगर निवासी आशा को बेचा था और आशा ने रमेश गुप्ता को बेच दिया था। आरोप है कि दूसरी महिला को आशा के नाम पर तहसील ले जाकर आरोपित ने इस फ्लैट का फर्जी बैनामा अपनी पत्नी के नाम पर करा लिया और फिर यही फर्जी दस्तावेज कंपनी में बंधक रख दिए।

मामा के जीडीए में होने का झांसा दे 2.70 लाख ठगे

गाजियाबाद : मामा के जीडीए में होने का झांसा दे युवक ने फ्लैट दिलाने के नम पर पड़ोसी से 2.70 लाख रुपये ठग लिए। एसएचओ सिहानी गेट कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर दीनागढ़ी निवासी विजय कुमार की ओर से सुनील के खिलाफ धोखाधड़ी व गबन के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई है। विजय के मुताबिक सुनील उनके घर आता जाता था। आरोपित ने 12 साल पहले उनसे कहा कि मधुबन बापूधाम में फ्लैट मिल रहा है। दो बेडरूम का फ्लैट 17 लाख रुपये में मिलेगा। साथ ही कहा कि उसके एक मामा जीडीए में हैं, इसलिए उन्हें तुरंत फ्लैट पर कब्जा मिल जाएगा। झांसे में आकर उन्होंने आरोपित को 2.70 लाख रुपये दे दिए, लेकिन फ्लैट आज तक नहीं मिला। परेशान हो वह एक फरवरी को आरोपित के घर गए तो उसने धमकी देकर भगा दिया।

चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर निकाले 6.54 लाख

गाजियाबाद : चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर कंपनी के खाते से 6.54 लाख रुपये निकालने के मामले में कंपनी के निदेशक पर पार्टनर ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। नोएडा निवासी संदीप रावत ने बताया कि वह पांडव नगर में रहने वाले प्रदीप कुमार के साथ एक फर्म चलाते हैं। इसमें दोनों निदेशक हैं और फर्म के आरडीसी स्थित एक बैंक खाते के चेक पर दोनों के हस्ताक्षर होते हैं। संदीप ने थाना कविनगर में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 22 जनवरी को फर्म के खाते से 6.54 लाख रुपये निकालने का मैसेज मिला। बैंक जाने पर पता चला कि चेक के जरिये एक कंपनी के खाते में रकम ट्रांसफर की गई थी। इस पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे। आरोप है कि प्रदीप ने उनके फर्जी हस्ताक्षर कर बैंककर्मियों की मिलीभगत से रुपये अपनी दूसरी कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर लिए।साभार-दैनिक जागरण

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