याचना बंसल दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं, साल 2018 में उन्होंने घर से ही अचार बनाने की शुरुआत की थी।
- दिल्ली की याचना बंसल ने साल 2018 में की थी ‘जयनि पिकल्स’ की शुरुआत
- अब ऑनलाइन व ऑफलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए रोजाना 50 किलो अचार, मुरब्बे की सेल होती है
दिल्ली की रहने वाली 40 साल की याचना बंसल की, जिन्होंने घर बैठे ही अचार, मुरब्बा और दाल बड़ी बनाना शुरू किया। घर में तैयार इन डिशेज को नाम दिया ‘जयनि पिकल्स’, फिर इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए मार्केट तक पहुंचाया। साल 2018 में शुरू हुए इस बिजनेस के जरिए अब वो हर साल करीब 30 लाख रुपए का कारोबार कर रही हैं। इस बिजनेस में याचना के परिवार के सभी सदस्य सपोर्ट करते हैं।
याचना दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं और स्कूल के बाद पूरा समय इस काम को देती हैं। इस बिजनेस की शुरुआत के बारे में वो बताती हैं, ‘यह तो बाय चांस शुरू हुआ, हम अपने घर में अचार वगैरह बनाते थे। एक बार मेरे पति के एक दोस्त लंच पर हमारे घर आए और उन्होंने अचार की बहुत तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस टेस्ट को आपने अपने घर तक ही सीमित क्यों कर रखा है, यह बाहर निकलना चाहिए।
लंच टेबल पर हुई बात खाने के बाद खत्म हो गई, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने हमसे अचार मंगाया। ये अचार उन्होंने जिसे भी खिलाया उसने इसके टेस्ट की तारीफ की। फिर उन्होंने हमें कॉल करके कहा कि आपको इसे कमर्शियली शुरू करना चाहिए। मैं पेशे से टीचर हूं और पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर, ताे हमें लगा कि हम शायद इसे टाइम नहीं दे पाएंगे। लेकिन, फिर सोचा क्यों न एक बार कोशिश करके देखें। तो हमने बतौर सैंपल ग्रीन चिली पिकल्स तैयार किया और फीडबैक के लिए लोगों को बांटा।
जब हमारे बनाए अचार की सबने तारीफ की तो सोचा अब हमें अचार का बिजनेस शुरू करना चाहिए। इसके बाद हमने 2018 में जयनि पिकल्स की शुरुआत की।
इस बिजनेस में पूरी फैमिली मदद करती है
याचना कहती हैं, ‘मैं जॉइंट फैमिली में रहती हूं और इस बिजनेस में मदर इन लॉ, सिस्टर इन लॉ, ब्रदर इन लॉ, पति सबका सपोर्ट रहता है। मेरा चचेरा भाई गगन सिंघल इस बिजनेस को देखता है। हम सीजन के हिसाब से 12 महीने अलग-अलग तरीके का अचार तैयार करते हैं। कौन सा अचार कब तैयार करना है, किसकी डिमांड ज्यादा है, इन सबकी प्लानिंग में पूरी फैमिली शामिल होती है, लेकिन मार्केट से सामान खरीदना, जो फाइनल प्राेडक्ट है उसकी मार्केटिंग का पूरा काम मेरा भाई देखता है।
इसके अलावा चूंकि हम अब बड़े पैमाने पर अचार बनाते हैं तो इसके लिए हमने दो हेल्पर रखे हुए हैं, लेकिन अचार बनाने में कौन-कौन से मसाले, कितनी क्वांटिटी में डाले जाएंगे, कितना तेल डालना है, कितनी देर सुखाना है, यह सब मेरी मदर इन लॉ ही बताती हैं।’
दुकानदारों की डिमांड पर अचार के साथ मुरब्बे की वैरायटी भी रखी
आचार के साथ-साथ याचना मुरब्बे का भी बिजनेस अब कर रही हैं। वे बताती हैं कि जब मैं बाजार जाती थी, तो दुकानदार पूछते थे कि क्या आपके पास मुरब्बा भी मिलेगा। इसके बाद हमने अचार के साथ-साथ मुरब्बे की भी वैराइटी तैयार करना शुरू किया। हालांकि याचना अभी मुरब्बा कस्टमाइज कराती हैं, क्योंकि इसे बनाने के लिए काफी स्पेस की जरूरत होती है।
याचना कहती हैं, ‘जब हमने अचार की मार्केटिंग शुरू की तो दुकानदारों ने कहा कि आपका अचार महंगा है, लेकिन हमने कहा कि टेस्ट करके देखिए और कुछ डिब्बे रखकर देखिए। इसके बाद ग्राहकों का अच्छा रिस्पांस मिलने लगा। इसके अलावा हमने अपने घर के नीचे ही एक दुकान भी खाेली है, इसके लिए हमने घर के उस हिस्से को कमर्शियलाइज कराया था।’
2 महीने में पूरा बिक गया दाल की बड़ी का 250 किलो का स्टॉक
इसके अलावा पिछले साल से उन्होंने मूंग और उड़द दाल की बड़ी भी बनाना शुरू किया है। इस बारे में याचना बताती हैं कि एक बार मैंने और मेरी भाभी ने घर में दाल बड़ी बनाई थी। इस बीच हमारी दुकान पर एक कस्टमर आई और उसने पूछा कि आप दाल बड़ी भी बनाते हैं क्या? क्योंकि हमारे यहां सब होममेड आइटम मिलता था। हमने कहा कि हम बनाते हैं, लेकिन अभी बेचने के लिए नहीं रखी हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि बड़ी भी बनाएं। फिर हमने मूंग और उड़द दाल की बड़ी बनाई, हमने उसका 250 किलोग्राम का लॉट बनाया था जो कि दो महीने में ही बिक गया।
अचार, मुरब्बे की रोजाना 50 किलो की सेल, पिछले साल 35 लाख का बिजनेस किया
याचना बताती हैं कि ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म मिलाकर अभी हमारी रोजाना की करीब 50 किलोग्राम अचार और मुरब्बे की सेल है। पिछले साल हमने दोनों प्लेटफॉर्म पर 30 से 35 लाख रुपए का बिजनेस किया है। याचना कहती हैं, ‘कई बार हम सिर्फ सोचते हैं कि हमें ये करना है, वो करना है। मेरी सलाह यही है कि जो सोचा है उसे शुरू कीजिए। बिना ये सोचे कि सफलता मिलेगी या नहीं।
आप भी घर में ऐसे शुरू कर सकते हैं अचार, दाल की बड़ी का बिजनेस
याचना कहती हैं, ‘अगर घर से शुरुआत करना चाहते हैं तो आप 10 से 20 हजार रुपए में भी अचार बनाने का बिजनेस शुरू कर सकते हैं। अभी आम का सीजन आएगा, इस सीजन में अगर आप 50 किलो अचार भी डालते हैं तो आपको 7 से 8 हजार का खर्चा आएगा। इसमें सबसे महंगी चीज मस्टर्ड ऑयल ही होती है। अगर कोई अपने घर से काम शुरू कर रहा है तो वह अपने घर में उपलब्ध साधनों को ही पहले इस्तेमाल में ले। इसके अलावा आपको FSSAI सर्टिफिकेट और ब्रांड नाम रजिस्ट्रेशन के लिए भी शुरू में आवेदन कर देना चाहिए, क्योंकि बाद में जब बिजनेस बढ़ता है तो जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं और ऐसे में आपको इन सबके लिए समय नहीं मिल पाता है।साभार-दैनिक भास्कर
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