देश में पहली बार बैलास्टलेस ट्रैक का इस्तेमाल, 180 किमी रफ्तार के लिए होगा फिट

निर्माणाधीन रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम

दिल्ली-मेरठ के बीच निर्माणाधीन रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) को ट्रैक भी अपने में अनूठा होगा। पूरी तरह से स्वदेशी बैलास्टलेस ट्रैक रैपिड रेल की 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार की लिए फिट होगा। अधिकारियों के मुताबिक, बैलास्टलेस ट्रैक का देश में पहली बार इस्तेमाल रैपिड रेल के कॉरीडोर पर होगा। चार दिन पहले इसका निर्माण मेरठ के शताब्दी नगर यार्ड में शुरू भी हो गया है। यह 180 दिन में बनकर तैयार हो जाएगा।

दरअसल, दिल्ली-मेरठ कारीडोर पर रैपिड रेल की रफ्तार 180 किमी प्रति घंटा रखी गई है। इस रफ्तार पर ट्रेन दौड़ने के उपयुक्त ट्रैक निर्माण करना अपने आप में चुनौती है। इसके लिए बैलास्टलेस ट्रैक का उपयुक्त माना गया। यह ट्रैक उच्च क्षमता और उच्च गति के अनुरूप है। साथ ही इसकी मेंटीनेंस की जरूरत मामूली होगी। इससे इनके रख-रखाव में कम खर्च आएगा।

सीपीआरओ एनसीआरटीसी पुनीत वत्स का कहना है कि 30 दिसंबर को ट्रैक स्लैब फैक्ट्री का निर्माण शताब्दी नगर कास्टिंग यार्ड में शुरू हो गया है। अगले छह महीने में ट्रैक तैयार भी जाएगा। इसके बाद सबसे पहले इसका इस्तेमाल कारीडोर के साहिबाबाद से दुहाई के बीच के 17 किमी लंबे पहले हिस्से पर होगा। अधिकारियों का दावा है कि अपने देश में पहली बार इस तकनीक के ट्रैक का निर्माण होगा। आत्मनिर्भर भारत के विजन पर यह पूरी तरह स्वदेशी है।

कॉरिडोर से जुड़े अहम आंकड़े:
. भारत का पहला आरआरटीएस कॉरिडोर दिल्ली, गाजियाबाद, दुहाई और मोदी नगर से होते हुये मेरठ को जोड़ेगा।
. 82 किमी लंबे इस कॉरिडोर से एक घंटे से भी कम समय में मेरठ से दिल्ली की यात्रा को संभव  बनाएगा।
. पहले चरण में चारों स्टेशनों – साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई का निर्माण पहले से ही प्रगति पर है।
. साहिबाबाद-दुहाई के पहले हिस्से पर 2023 में इस पर रैपिड रेल चलने लगेगी। जबकि पूरा कारीडोर 2025  में तैयार होगा।
. बीते बुधवार को दुहाई डिपो का भी निर्माण शुरू कर दिया गया है।
. अब तक 3650 से अधिक पिलर के नींव और 300 से अधिक पिलर बन चुके है।
. कॉरिडोर के सभी सिस्टम और सब-सिस्टम कांट्रैक्ट अवार्ड किए जा चुके हैं।
. मुरादनगर में पहले पावर रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) का निर्माण कार्य जारी है।
. आरआरटीएस रौलिंग स्टॉक का निर्माण भी पूर्णत: भारत में ही बम्बार्डियर इंडिया के गुजरात स्थित सावली प्लांट में हो रहा है।साभार-अमर उजाला

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