करीब 50 बच्चों के यौन शोषण के आरोपी निलंबित जेई रामभवन को रिमांड के चौथे दिन सीबीआई की टीम ने दो शिक्षकों के सामने बैठाकर पूछताछ की। साथ ही दोनों शिक्षकों का मोबाइल रिकार्ड भी खंगाला और ईमेल आईडी व अन्य जानकारी जुटाई। शिक्षकों में एक महिला शिक्षक भी है। वहीं, सीबीआई ने बच्चों को बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों से बात कराने के बाद घर भेज दिया। रिमांड के चौथे दिन रविवार को सुबह पांच बजे से ही सीबीआई की टीम सक्रिय दिखी।
टीम ने जेई की पत्नी के साथ एक शिक्षिका व एक अन्य स्वजातीय शिक्षक को रेस्ट हाउस बुलाकर जेई के सामने पूछताछ की गई। एक घंटे की पूछताछ के बाद दोनोें शिक्षकों को भेज दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, शिक्षकों का जेई के घर आना जाना और उसकी पत्नी के साथ उठना बैठना था। इन शिक्षकों को जेई के मोबाइल से लेकर लैपटाप का प्रयोग करने की छूट थी। उधर, सुबह 11 बजे सीबीआई जेई को मेडिकल जांच के लिए एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले गई।
वहां कोरोना की दूसरी जांच कराई गई, जिसमें उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। साथ ही फिटनेस व पल्स रेट की भी जांच हुई। जिला अस्पताल के डा. राजेश खरे ने बताया कि जेई का स्वास्थ्य सामान था। शरीर में चोट या दर्द नहीं था। डाक्टरों के फिट घोषित करने पर सीबीआई जेई को लेकर सिंचाई विभाग के रेस्ट हाउस आ गई। वहां एक घंटे तक कागजात एकत्र कर लगभग दो बजे बांदा की ओर रवाना हो गई। माना जा रहा कि सीबीआई टीम ने एक दिन पूर्व ही सारे सबूत एकत्र कर जांच भी कर ली है।
जेई के पहले वाले मकान को खंगाला
यौन शोषण के आरोपी निलंबित जेई रामभवन के खिलाफ सीबीआई टीम पुराने रिकार्डों को भी खंगाल रही है। शनिवार की देर रात 12 बजे टीम जेई को उसके पुराने किराये के मकान पर लेकर पहुंची। इस मकान पर रहते हुए वर्ष 2012 में एक किशोरी के खुदकुशी के मामले में जेई का नाम जुड़ा था। वहां पर टीम ने जेई का कई ग्रामीणों से आमना-सामना कराया। इसके बाद रात को ही जेई संग रसिन बांध के रेस्ट हाउस पहुंची।
शनिवार की रात ही सीबीआई की टीम ने तय कर लिया था कि आज ही सारा काम निपटाना है। पहले देर शाम को टीम जेई के घर जांच के लिए दोबारा गई। इसके बाद देर रात को जेेई के उस घर पहुंची, जहां चित्रकूट में नौकरी ज्वाइन करने के समय किराये में रहता था। जेई ने कभी विभागीय कालोनी के आवास पर ठिकाना नहीं बनाया। सिंचाई विभाग दफ्तर के सामने ही कपसेठी गांव में एक मकान में वह किराये में रहता था। इसी गांव की एक किशोरी ने 2012 में खुदकुशी की थी, जिसमें जेई की संलिप्तता बताई गई थी।
जेई के कारनामों में और भी कई हो सकते शामिल
ये तो अब तक तय हो चुका कि पूरी काली व दरिंदगी भरी फिल्म में अकेले जेई नहीं है। जरूर इसके कई सहयोगी हैं जो अश्लील वीडियो को बेचकर रकम कमाने में माहिर हैं। इनका बड़ा नेटवर्क भी हो सकता है। जिसकी सीबीआई परत दर परत खोल रही है। चार दिन तक रिमांड के दौरान जिस अंदाज में जेई का हावभाव रहा उससे ये तो स्पष्ट हो गया कि उसके कारनामे के कई राजदार हो भी हो सकते हैं।
सिर हिलाता रहा, पर नहीं खोली जुबान
शनिवार को मेडिकल टेस्ट के लिए जब सीबीआई की टीम जिला अस्पताल पहुंची तो निलंबित अवर अभियंता रामभवन एंबुलेंस में बैठा रहा। पत्रकारों ने कई सवाल पूछे। पूरे समय जेई ने एक बार भी जुबान नहीं खोली। जब बार-बार उससे बच्चों के साथ गंदा काम कर वीडियो बनाने की बात पूछी गई तो सिर हिलाकर इनकार करने का प्रयास किया।
मोबाइल दुकान संचालकों से ली जानकारी
सीबीआई टीम ने जेई के पास बरामद मोबाइल, लैपटॉप, चिप, पेन ड्राइव व हार्ड डिस्क की जांच को शनिवार को चार दुकानदारों को बुलाया था। पूछताछ के बाद लौटे दुकानदारों ने बताया कि मोबाइल व अन्य सामग्री की रसीद व रिकार्ड की जानकारी ली गई है। शनिवार व शुक्रवार को जिन दुकानदारों से पूछताछ हुई उनमें सभी ने माना कि जेई ने उनकी दुकान से मोबाइल खरीदा और रिचार्ज भी कराता था।
गैजेट्स न मिलने की दिखी निराशा
जेई की रिमांड के बाद चार दिन तक सीबीआई की टीम का जांच का केंद्र चित्रकूट ही रहा। निलंबित जेई रामभवन के आरोपों की जांच के लिए बरामद सामग्री में गैजेट्स न मिलने से सीबीआई की टीम कुछ परेशान दिखी। इसके लिए कई बार टीम ने कई स्थानों पर खोजबीन भी की।
अभी एक टीम चित्रकूट में ही रुकी
जेई रामभवन को बांदा जेल पहुंचाने बाद भी एक टीम अभी भी चित्रकूट में डेरा जमाए है। रेस्ट हाउस में जेई के पास मिली फाइलें व अन्य रिकार्ड का मिलान किया जा रहा है। उधर, जेई के अधिवक्ता अनुराग सिंह ने दावा किया कि महज एक एफआईआर से जेई दोषी नहीं है। इसका कोर्ट में पूरा ट्रायल होगा। अब तक सीबीआई को जेई के लैपटाप या मोबाइल से ज्यादा महत्वपूर्ण जानकारी नहीं मिली है।साभार- न्यूज़18
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