मार्च के बाद से दिल्ली के स्कूलों में काफी कम अभिभावक फीस जमा करा रहे हैं। ऐसे में निजी स्कूलों ने बच्चों को दी जाने वाली ऑनलाइन कक्षाएं बंद करने का फैसला किया है। स्कूलों का कहना है कि दिल्ली में भी राजस्थान की तरह ही जल्द स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं बंद कर दी जाएंगी। फीस नहीं मिलने के कारण स्कूलों में शिक्षकों को वेतन देना मुश्किल हो गया है।
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन अध्यक्ष आर.सी जैन ने कहा कि बीते आठ महीने से काफी कम अभिभावक फीस दे रहे हैं। पहले शुरू में जहां 50 से 60 फीसदी अभिभावक फीस जमा करा रहे थे, वो नवंबर तक आते-आते मात्र 10 फीसदी ही रह गई। इस कारण से शिक्षकों को वेतन देने में कठिनाई हो रही है।
वहीं दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने बीते माह निजी स्कूलों के बच्चों को बिना स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट के सरकारी स्कूलों में दाखिला देने का आदेश दिया है। इस कारण से भी अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं।
आ.सी जैन ने बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने क्वीन मेरी नोर्दन स्कूल के केस नम्बर डब्ल्यू पी (सी)40112020 में आठ जुलाई 2020 को फैसला दिया था कि यदि अभिभावक सक्षम होते हुये भी फीस जमा नहीं कराते हैं तो ऐसे अभिभावकों के बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं बंद की जा सकती हैं।
आर. सी. जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सभी अभिभावकों से मासिक आधार पर स्कूल फीस लेने का आदेश दिया था जिसको सभी स्कूलों ने लागू किया। उन्होंने कहा कि हमारे ऑनलाइन कक्षाएं बंद करने से बड़ी संख्या में बच्चे प्रभावित होंगे। लेकिन जब स्कूलों के पास ऑनलाइन कक्षाएं लेने वाले शिक्षकों को वेतन देने के लिये पैसे अभिभावकों से नहीं आएंगे तो उन्हें पढ़ाने को कैसे कह सकते हैं।
बीते काफी समय से बजट स्कूल दिल्ली सरकार से आर्थिक मदद देने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन सरकार उसे अनसुना कर रही है।साभार-अमर उजाला
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