24 साल की उम्र में शुरू किया स्मार्ट टीवी का बिजनेस, आज भारत की सबसे अमीर सेल्फमेड वुमन हैं, 1200 करोड़ रु है नेटवर्थ

  • आज देविता के पास पूरे भारत में करीब 10 लाख से ज्यादा कस्टमर्स हैं, उनकी कंपनी दुनिया के 60 देशों में अपनी टीवी बेचती है
  • देविता का नाम फॉर्च्यून इंडिया (2019) की भारत की सबसे ताकतवर 50 महिलाओं में भी आ चुका है, पीएम भी कर चुके हैं तारीफ

आईआईएफएल वेल्थ और हुरुन इंडिया ने हाल ही में 40 और उससे कम उम्र वाले सेल्फ मेड अमीरों की लिस्ट को जारी की। इस लिस्ट में एकमात्र महिला हैं 39 साल की देविता सराफ। वह इस सूची में 16वें स्थान पर हैं। देविता वीयू ग्रुप की सीईओ और चेयरपर्सन हैं। उनका नाम फॉर्च्यून इंडिया (2019) की भारत की सबसे ताकतवर 50 महिलाओं में भी आ चुका है। इंडिया टुडे ने 2018 में बिजनेस वर्ल्ड में 8 सबसे ताकतवर महिलाओं में देविता सराफ को जगह दी थी। उनकी कुल दौलत करीब 1200 करोड़ रुपए है।

देविता सराफ ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। वो जेनिथ कंप्यूटर्स के मालिक राजकुमार सराफ की बेटी हैं। हालांकि, वो हमेशा से कुछ अलग करना चाहती थीं। इसलिए फैमिली बिजनेस नहीं संभाला। 2006 में जब टेक्नोलॉजी में तेजी से बदलाव हो रहा था और अमेरिका में गूगल और एपल जैसी कंपनियां मोबाइल और कम्प्यूटर के बीच के गैप को खत्म करने की जद्दोजहद में थीं, उस समय देविता ने कुछ नया करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने टीवी कारोबार को चुना। उन्होंने VU टीवी की शुरुआत की। जो टीवी और सीपीयू का मिलाजुला रूप था।

उनकी कंपनी लेटेस्ट तकनीक में अच्छा काम कर रही है। देविता की कंपनी एडवांस TV बनाती है। इस टीवी पर यू-ट्यूब और हॉट स्टार जैसे ऐप को भी आसानी से चलाया जा सकता है। मतलब ये टीवी कम कंप्यूटर होते हैं। इनके जरिए आप मल्टी टास्किंग कर सकते हैं। साथ ही कंपनी एंड्रॉयड पर चलने वाले हाई डेफिनेशन टीवी भी बनाती है। बड़ी स्क्रीन के साथ कंपनी के पास कॉरपोरेट यूज की भी टीवी है।

देविता ने जब कंपनी शुरू की थी तब उनकी उम्र महज 24 साल ही थी। शुरुआत में उन्हें दिक्कत आईं, लेकिन करीब 6 साल बाद 2012 में उनकी कंपनी प्रॉफिट में आ गई। 2017 में कंपनी का टर्नओवर करीब 540 करोड़ पहुंच गया था। उसके बाद से लगातार यह बढ़ता ही गया। आज देविता के पास पूरे भारत में करीब 10 लाख से ज्यादा कस्टमर्स हैं। कंपनी दुनिया के 60 देशों में अपनी टीवी बेचती है।

लड़की समझ कर सीरियसली नहीं लेते थे लोग

देविता के लिए कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचाना आसान नहीं था। एक इंटरव्यू में देविता ने कहा था कि जब वो बिजनेस के सिलसिले में किसी डीलर या मैन्युफैक्चरर से मिलती थीं, तो लोग उन्हें लड़की समझकर सीरियसली नहीं लेते थे। कुछ लोगों को लगता था कि ये लड़की है और इतना बड़ा बिजनेस संभाल कैसे सकती है। देविता के मुताबिक, जब आपको आगे बढ़ाना होता है तो ऐसी चीजों के बारे में ध्यान नहीं देते हैं। हालांकि उनका मानना है कि अब लोगों की सोच बदल रही है। उन्हें देखकर बहुत से लोगों को लगता है कि उनकी बेटियां भी अपना बिजनेस खड़ा कर सकती हैं।

                      

साल 2017 में देविता ने यंग सीईओ के साथ पीएम मोदी की हुई बैठक में हिस्सा लिया था। इसमें न्यू इंडिया के लिए इन सीईओज से अपने आइडिया देने को कहा गया था। देविता ने इस कार्यक्रम में मेक इन इंडिया पर अपने विचार रखे। बाद में पीएम मोदी ने अपने भाषण में उनके आइडिया का जिक्र भी किया।

हार्डवर्किंग ही सफलता का मूलमंत्र

एक इंटरव्यू में देविता सराफ ने कहा कि वह हार्डवर्किंग और युवा महिलाओं का भी प्रतिनिधित्व कर रही हैं। वह देश की तमाम युवा महिलाओं को प्रोत्साहित करने का काम कर रही हैं। वह कहती हैं कि उन्हें अब इस बात का भरोसा हो गया है कंपनियों के सीईओ भी किसी सेलेब्रिटी से कम नहीं हैं। देविता कहती है कि महिलाओं को सिर्फ उनकी सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि उनके टैलेंट के लिए भी सराहा जाना चाहिए।साभार-दैनिक भास्कर

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