क्या आने वाला समय कोडिंग का है, कितना जरूरी है ये स्टूडेंट्स के लिए? आइये जानते हैं

आजकल हर तरफ कोडिंग का जोर है. जहां देखो इसे यह कहकर प्रमोट किया जा रहा है कि यही भविष्य है। कितनी सच्चाई है इसमें, आइये जानने की कोशिश करते हैं।

आईटी सेक्टर का महत्व किसी से छिपा नहीं है। आने वाले समय में इसके और बढ़ने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। यही नहीं कोरोना और लॉकडाउन ने इस बात को और भी पक्का कर दिया कि भविष्य में आईटी ही आधार बनेगा। आज अगर इंटरनेट और ऑनलाइन क्लासेस या दूसरी सेवाएं नहीं होती तो कोरोना से जितना नुकसान हुआ, उससे कहीं ज्यादा होता।

इसी आईटी सेक्टर का एक अहम हिस्सा है कोडिंग, जिसकी आजकल हर तरफ चर्चा है। बच्चों को खासकर कोडिंग सिखाने पर जोर दिया जा रहा है और ऐसा कहा जा रहा है कि यही भविष्य है। छः साल की उम्र से बच्चे कोडिंग क्लास ज्वॉइन कर सकते हैं। यही नहीं स्कूलों में भी कोडिंग इंट्रोड्यूज कर दी गई है। कुछ दिन पहले जारी हुई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में भी इसका जिक्र किया गया और कहा गया कि एक सर्टेन लेवल के बाद यह हर क्लास में पढ़ाई जाए। हालांकि फिलहाल उपलब्ध कोडिंग क्लासेस की फीस हर किसी के बस की बात नहीं है। तो अगर आप अपने बच्चे को कोडिंग नहीं करा पा रहे हैं तो क्या इससे आपका बच्चा पीछे रह जाएगा या बाकी स्किल्स की तरह यह भी एक स्किल ही है जो बाद में भी सीखी जा सकती है। या जिसके बिना भी काम चलाया जा सकता है, जानते हैं।

कोडिंग के फायदे –

क्या कोडिंग ही है भविष्य –

कोडिंग के फायदे तो हमने देख लिए पर अगर किसी कारण से आप कोडिंग नहीं कर पा रहे हैं या अपने बच्चे को ज्वॉइन नहीं करा पा रहे हैं तो क्या यह समस्या है।

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