राज्यसभा में संसोधित इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड विधेयक (IBC Code Amendment) Bill, 2020 पारित हो गया है। जानकारी मिल रही है कि इस विधेयक के पारित होने से कंपनी और गारंटर के खिलाफ एक साथ कार्रवाई हो सकती है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से कंपनी और गारंटर दोनों के खिलाफ एक साथ दिवाला कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से 25 मार्च के बाद से 6 महीने तक की अवधि तक हर तरह की दिवाला कार्रवाई पर रोक लगा दी गई थी।वहीं इस विधेयक के पारित होने के बाद धारा-7,9,10 निलंबित कर दिया गया है। ये धाराएं कंपनी को दिवालिया होने से बचाने के लिए लागू की गई थी।
दिवालिया पर रोक लगने से एनपीए में आई भारी कमी
केंद्र सरकार ने 25 मार्च के बाद दिवालिया कानून के तहत कार्रवाई करने से 6 महीने तक के लिए रोक लगा दी थी। इसका जिक्र करते हुए बीजेपी सांसद अरुण सिंह ने कहा कि इस फैसले से एनपीए में भारी कमी आई है।
बता दें कि अगर कोरोना काल में दिवालिया कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई गई होती, तो कई छोटी-छोटी कंपनियों एनपीए घोषित हो जाती। इस दौरान भविष्य के लिए अच्छी क्षमता रखने वाली कंपनियों को भी नुकसान होने का खतरा था। हालांकि इस मामले में कांग्रेस के विवेक तन्खा ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस की समाप्ति का कोई खास वक्त निश्चित नहीं है। ऐसे में अगर सरकार बड़ी कंपनियों पर ध्यान देती है तो छोटी कंपनियों पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।
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