सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है और यह इंसानी जीवन से करोड़ों किलोमीटर दूर होती है, लेकिन इसके बावजूद इसका मानव जीवन पर गहरा असर होता है। सृष्टि के जीवों पर इसका अच्छा-बुरा दोनों तरह का असर होता है। इसका असर राशि अनुसार होता है तो ग्रहण के दौरान निकलने वाली दूषित किरणों का भी विपरीत प्रभाव मानव पर देखा जाता है। इसका सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर देखा जाता है।
गर्भवती महिलाएं रखें खास ख्याल
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं और हाल ही में जन्मे शिशु को जन्म देने वाली महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से नहीं निकलना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना चाहिए नहीं तो लापरवाही बरतने पर शिशु की सेहत को नुकसान हो सकता है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए अशुभ प्रभाव वाला होता है। इसलिए ग्रहण के दौरान इनको घर में रहने की सलाह दी जाती है।
नुकीली वस्तुओं का न करें प्रयोग
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना, कपड़े सीना आदि धारदार उपकरणों के काम से बचना चाहिए। इससे बच्चे को शारीरिक दोष हो सकता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को शयन, खाना पकाना, और श्रंगार नहीं करना चाहिए। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से रक्षा के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए।
ग्रहण की समाप्ति के बाद गर्भवती महिला को स्नान करना चाहिए नहीं तो उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग लग सकते हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान मानसिक मंत्र जाप का बड़ा महत्व है। गर्भवती महिलाएं इस दौरान मंत्र जाप कर सकती है। इससे स्वयं की और गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पढ़ता है।
साभार : नई दुनिया।
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