चीन व भारत के बीच लगातार बढ़ते तनाव से बौखलाया चीन अब भारतीय कम्पनियों की डिटेल निकालने में लगा है। ये हैकर्स भारतीय मीडिया के साथ-साथ टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों, देश के सुरक्षा संस्थान, फार्मा कंपनी और कई कंस्ट्रक्शन कंपनियों को नुकसान पहुंचाना चाहता है। न्यूज एजेंसी मनीकंट्रोल ने एक साइबर इंटेलिजेंस Cyfirma की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि चीन और भारत के बीच बढ़े तनाव और भारत द्वारा चीनी प्रोडक्ट को बायकॉट करने की पहल से परेशान चीन भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए नए तरीके निकाल रहा है। चाइनीज हैकिंग कम्यूनिटी भारतीय मीडिया, फार्मा और टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों को निशाना बनाने की फिराक में है।
सूत्रों के अनुसार चीनी हैकर पिछले कई दिनों से चीन के प्रोडक्ट का भारत में आयत बंद करने की पहल और इंडो-चीन बार्डर पर बढ़े तनाव को लेकर भारत से बदला लेना का मन बना चुके हैं और इसके लिए भारतीय कम्पनियों को निशाना बनाने की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के कई जवान शहीद हो गए। केंद्र सरकार ने भी हाल ही में देश में घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर कैंपेन का ऐलान किया था।
अन्य भाषा में रच रहे षड्यंत्र
रिपोर्ट के अनुसार ये चीनी हैकर्स किसी भी प्लान को तैयार करने के लिए मेनडारिन भाषा में बातचीत करते हैं। ये चीन में बोली जानें वाली प्रमुख भाषा है लेकिन इसे बहुत कम ही लोग समझ पाते हैं। ये साइबर अपराधी वेब एप्लीकेशन की कमजोरी का फायदा उठाते हुए और खास तरह के मालवेयर के उपयोग से भारतीय कंपनियों और सुरक्षा संस्थानों के वेबसाइट्स को नुकसान पहुंचाने और वहां से डाटा चुराने की तैयारी कर रहे हैं।
इन कंपनियों को बना रहे निशाना
चीन के साइबर अपराधियों का यह समूह गोथिक पान्डा और स्टोन पान्डा का है, जिसका बताया जा रहा है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संबंध भी है। ये ग्रुप दुनिया का सबसे बड़ा हैकिंग समूह है जिसमें 3 लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि इनमें से 93 फीसदी हैकिंग ग्रुप की फंडिंग चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी या चीन का विदेश मंत्रालय करता है।
भारतीय मीडिया पर रख रहा कड़ी नजर
चीनी हैकर्स भारतीय मीडिया पर कड़ी नजर बनाए हुए है. ये डार्क वेब नाम के फोरम पर एक लिस्ट तैयार कर रहा है। इस लिस्ट में भारत के सभी बड़े मीडिया हाउसेस शामिल हैं साथ ही विदेश मंत्रालय, सुरक्षा मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय भी इन चाइनीज साइबर अपराधियों की लिस्ट में है।
साभार : hindi.news18.com
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