शर्मनाक – घरवालों ने किया अंतिम संस्कार से इनकार, मजबूरी में तहसीलदार ने दी मुखाग्नि

कोरोना संकट में इंसानी स्वभाव से जुड़े हर तरह के पहलू सामने आ रहे हैं। इस महामारी से जंग में जरूरतमंदों की मदद के लिए हजारों हाथ आगे आ रहे हैं। वहीं कुछ ऐसी घटनाएं भी सामने आ रही हैं जो मानवीयता के उलट हैं।

चेन्नई में मरीजों की सेवा में लगे एक डॉक्टर को चर्च की सीमेट्री में दफनाने से लोगों ने रोक दिया क्योंकि उसकी मौत कोविड-19 से हुई। वहीं ताजा मामले में मध्य प्रदेश के भोपाल में एक शख्स का अंतिम संस्कार उसके बेटे और बाकी घरवालों ने करने से ही इनकार कर दिया। इस शख्स का मौत से पहले कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया था।

शख्स के बेटे और अन्य घरवालों की हिचकिचाहट देखकर एक सरकारी अधिकारी स्वेच्छा से सामने आया और उसका अंतिम संस्कार किया। भोपाल जिला प्रशासन के मुताबिक शुजालपुर के रहने वाले एक शख्स को लकवा मार जाने के बाद भोपाल के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इस शख्स की 14 अप्रैल को कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी दिन उसे चिरायु अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। इसी अस्पताल को सरकार ने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित किया हुआ है। उस शख्स की 20 अप्रैल को मौत हो गई। उसके शव को मोर्चरी में रख दिया गया। चिरायु अस्पताल की ओर से कहा गया कि शव को नगर निगम की ओर से हैंडओवर किया जाएगा। नगर निगम ने ये जिम्मेदारी जिला प्रशासन की बताई।

शख्स की मौत की सूचना मिलने पर उसकी पत्नी, बेटा और पत्नी का भाई भोपाल पहुंचे। उन्हें बताया गया कि शव को शुजालपुर नहीं ले जाया जा सकता और अंतिम संस्कार भोपाल में ही पूरी सावधानी और सरकार की ओर से निर्धारित SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के साथ करना होगा।

शव लेने से इनकार

ये सुनकर मृतक के घरवाले घबरा गए और उन्होंने शव को लेने से इनकार कर दिया। घरवालों को जिला प्रशासन की ओर से PPE किट्स उपलब्ध कराईं गईं लेकिन उन्होंने ये कहकर लेने से इनकार कर दिया कि उन्हें इनका इस्तेमाल करना नहीं आता।

घरवालों का डर दूर करने के लिए उन्हें बताया गया कि उस शख्स का इलाज करने वाले डॉक्टर, नर्स भी इंसान ही थे। फिर जिस म्युनिसिपल स्टाफ ने शव को हैंडल किया वो भी सब इंसान थे। लेकिन शख्स के घरवालों का डर दूर नहीं हुआ और उन्होंने अधिकारियों को ही अंतिम संस्कार के लिए अधिकृत कर दिया।

आखिरकार तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल स्वेच्छा से अंतिम संस्कार के लिए आगे आए। उन्होंने जब चिता को अग्नि दी तो शख्स के घरवाले दूर खड़े होकर ही देख रहे थे। भोपाल के जिला अधिकारी ने बघेल की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना वॉरियर्स घातक वायरस के खिलाफ जंग में हर तरह का खतरा उठाकर भी मानवता की सेवा के लिए आगे आ रहे हैं।


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