फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस का कहना है कि छोटे और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के पास अप्रैल की सैलरी देने के लिए पर्याप्त नकदी नहीं है। क्योंकि, लॉकडाउन की वजह से भारत में सभी प्रकार के कारोबार बंद हैं। फेडरेशन ने सरकार से मांग की है कि एमएसएमई के लिए जल्द इन्सेंटिव पैकेज दिया जाए और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स आंशिक तौर पर शुरू करने की इजाजत दी जाए।
सरकार ने लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया
फेडरेशन के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने एक्सपोर्ट सेक्टर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को खोलने का फैसला टालने पर भी नाराजगी जताई है। यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार शायद कुछ राहत देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार कहा का लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाया जा रहा है। 20 अप्रैल से कुछ छूट दी जाएगी, जिसके बारे में बुधवार को बताया जाएगा।
एमएसएमई को इंटरेस्ट फ्री क्रेडिट देने की मांग
सराफ का कहना है कि एक्सपोर्ट ऑर्डर की डिलीवरी नहीं कर पाने की वजह से ऑर्डर कैंसिल होंगे। बिना मदद दिए सरकार को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि लॉकडाउन में इंडस्ट्री अपने कर्मचारियों को भुगतान कर पाएगी। इकोनॉमी की मदद के लिए पैकेज घोषित होना चाहिए। इसके जरिए इंटरेस्ट फ्री क्रेडिट और छह महीने किश्त के भुगतान में राहत दी जानी चाहिए।
गरीब-किसानों के लिए सरकार 1.70 लाख करोड़ का पैकेज दे चुकी
सरकार ने पिछले महीने गरीबों, किसानों, मजदूरों और महिलाओं के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था। अब उम्मीद की जा रही है कि इंडस्ट्री को राहत देने के लिए दूसरे पैकेज की घोषणा जल्द की जा सकती है।
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