भारी उठापटक और पल-पल बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी गयी है। लंबे इंतजार के बाद फ्लोर टेस्ट भी नहीं हुआ। कार्यवाही स्थगित करने की वजह कोरोना वायरस बताया गया है। उससे पहले भारी गहमागहमी के बीच राज्यपाल के अभिभाषण के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई थी। राज्यपाल ने एक मिनट में ही अपना भाषण खत्म कर दिया. उनका भाषण पढ़ा समझ लिया गया। राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा-जिसका जो दायित्व है वो उसका निर्वहन करे। सभी संविधान और परंपरा का पालन करें, मध्य प्रदेश के गौरव की रक्षा हो।
कोरोना के कारण एहतियात
महामहिम का भाषण खत्म होते ही बीजेपी विधायकों ने टोका-टाकी शुरू कर दी। महामहिम अपना भाषण खत्म कर वापस रवाना हो गए। सदन में इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल की चिट्ठी पढ़ी, जिस पर स्पीकर एन पी प्रजापति ने कहा मुझसे पत्राचार नहीं हुआ है। उसके बाद दोनों पक्षों की ओर से सदस्य नारेबाज़ी करने लगे। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए स्थगित की गयी। उसके बाद स्पीकर एन पी प्रजापति ने कोरोना वायरस की वजह से एहतियात के तौर पर सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित करने का ऐलान किया। इसी दिन राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग होना है।
सदन में अलग नज़ारा
भारी गहमा-गहमी के बीच सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित कांग्रेस और बीजेपी के विधायक विधानसभा पहुंचे। भोपाल की एक होटल में ठहराए गए कांग्रेस विधायक कड़ी सुरक्षा में दो बसों में विधान सभा लाए गए। उनके साथ मंत्री जयवर्धन सिंह और सचिन यादव भी बस में मौजूद थे। बीजेपी के देर रात 2 बजे मानेसर से भोपाल लौटे बीजेपी विधायक शहर से दूर होशंगाबाद रोड पर एक होटल में ठहराए गए थे। वो भी बसों में लाए गए। विधानसभा के बाहर और अंदर दिलचस्प नज़ारे देखने मिल रहे हैं। कोरोना के खौफ के बीच शिवराज सिंह सहित कई विधायक मास्क लगाकर विधानसभा पहुंचे। वो सदन में सेनेटाइजर लगाते दिखे। कांग्रेस और बीजेपी दोनों तरफ के नेता विक्टरी का साइन दिखाते हुए अंदर दाखिल हुए।
नहीं हुआ फ्लोर टेस्ट
मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच सोमवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण था। सब की निगाहें विधानसभा पर टिकी हुई थीं। कांग्रेस में बगावत के बाद अब बीजेपी (BJP) फ्लोर टेस्ट की मांग पर अड़ी है, लेकिन विधानसभा की कार्यसूची में इसे शामिल ही नहीं किया गया था। इसलिए कमलनाथ सरकार के विश्वासमत को लेकर सस्पेंस बना हुआ था। देर रात सीएम कमलनाथ फिर गवर्नर लालजी टंडन से मिलने गए थे। दूसरी तरफ आधी रात के बाद करीब 2 बजे बीजेपी विधायक मानेसर (गुरुग्राम) से भोपाल लौटे।
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