अंडमान में मछली पकड़ने वाली नाव से पकड़ी गई 6,000 किलो ड्रग्स की सबसे बड़ी तस्करी

पोर्ट ब्लेयर:- मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ जारी अभियान में भारतीय तटरक्षक बल को एक और बड़ी सफलता मिली है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास तटरक्षक बल ने एक मछली पकड़ने वाले जहाज से 6000 किलोग्राम प्रतिबंधित मेथमफेटामाइन जब्त किया और म्यांमार के छह नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया। यह मादक पदार्थ करीब 3000 पैकेटों में पैक किया गया था, जिनमें से प्रत्येक पैकेट का वजन दो किलोग्राम था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमत कई करोड़ रुपये बताई जा रही है।
यह देश में अब तक की सबसे बड़ी मादक पदार्थों की बरामदगी है। इससे पहले, सितंबर 2021 में गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर 3000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी। उल्लेखनीय है कि इस महीने की 14 तारीख को, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, भारतीय नौसेना और गुजरात एटीएस ने एक संयुक्त ऑपरेशन में गुजरात के समुद्री क्षेत्र से 700 किलोग्राम मेथमफेटामाइन जब्त किया था, और आठ ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। वहीं, उसी दिन दिल्ली में 900 करोड़ रुपये मूल्य की 82.53 किलोग्राम कोकेन भी पकड़ी गई थी।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि 23 नवंबर को नियमित गश्त के दौरान तटरक्षक डोर्नियर विमान के पायलट ने बैरन द्वीप के पास एक मछली पकड़ने वाले जहाज की संदिग्ध गतिविधि देखी। बैरन द्वीप, जो पोर्ट ब्लेयर से करीब 150 किलोमीटर दूर स्थित है, पर त्वरित कार्रवाई करते हुए तटरक्षक ने जहाज को रुकने का संकेत दिया और इसकी जांच के लिए 24 नवंबर को पोर्ट ब्लेयर लाया। जहाज पर सवार छह म्यांमार नागरिकों को गिरफ्तार किया गया।
इस बरामदगी से यह स्पष्ट होता है कि मेथमफेटामाइन की तस्करी भारत और उसके पड़ोसी देशों में फैल रही है। तटरक्षक बल ने इस मामले में अंडमान और निकोबार पुलिस को भी सूचित किया है और संयुक्त पूछताछ की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह पहली बार नहीं है जब अंडमान और निकोबार के जलक्षेत्र में ऐसी प्रतिबंधित सामग्री पकड़ी गई है, इससे पहले 2019 और 2022 में भी भारतीय जलक्षेत्र में विदेशी जहाजों से मादक पदार्थों की तस्करी की कोशिशें नाकाम की जा चुकी हैं।
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