निर्भया गैंगरेप केस और हत्या मामले में कोर्ट ने दोषी विनय शर्मा की याचिका खारिज कर दी है। जिसमें उसने मानसिक रोगी होने का दावा किया था। विनय शर्मा ने कोर्ट से मांग की थी कि वो सिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी से पीड़िता है। इस बीमारी के चलते उसके मस्तिष्क और बांह पर चोट के निशान आए जिसके लिए उसे इलाज की जरूरत है। हालांकि तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से दिए गए सबूतों से विनय के सारे दावे गलत साबित हो रहे हैं।
जेल के अधिकारियों ने शनिवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा को बताया कि सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ है कि दोषी विनय कुमार शर्मा ने अपने चेहरे को खुद ही जख्मी कर लिया और वह किसी मनोवैज्ञानिक विकार से ग्रस्त नहीं है। अदालत ने विनय की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया और जल्द ही फैसला सुनाए जाने की संभावना है। विनय ने मानसिक बीमारी के आधार पर राहत का अनुरोध किया था।
जेल प्रशासन की ओर से पेश लोक अभियोजक ने कहा, ‘ये सभी (दोषी के दावे) तोड़े मरोड़े गए तथ्यों का पुलिंदा है। डॉक्टर ने उसकी जांच की थी और जख्म के निशान मिले थे। उन्होंने उसे दवा दी, सभी जख्म उसने खुद ही बनाए हैं और ये दिखावटी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘चिकित्सा रिकार्ड कहते हैं कि वह किसी तरह की भी मानसिक बीमारी से ग्रस्त नहीं है और किसी अस्पताल में उसकी जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है. जेल के डॉक्टर नियमित तौर पर उसकी जांच कर रहे हैं।’
जेल की तरफ से पेश मनोचिकित्सक ने कहा कि रोजाना के आधार पर सभी चारों दोषियों की चिकित्सा जांच की गयी और सभी ठीक हैं। अभियोजक ने कहा, ‘वह अपनी मां और वकील से बात करता है। इसलिए यह कहना गलत होगा कि वह किसी को पहचान नहीं रहा है।’ बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि दोषी के हाथ पर प्लास्टर है। यह दिखाता है कि वह चोटिल है और उसने खुद से जख्म नहीं बनाए हैं।
दोषी की ओर से पेश वकील एपी सिंह ने कहा, ‘जेल उसके बारे में अदालत में तथ्य क्यों छिपा रहा है? दस्तावेज क्यों नहीं दाखिल किए जा रहे हैं।’ बहरहाल, तिहाड़ के अधिकारियों ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि उसकी बांह पर प्लास्टर है। बांह टूटी हुई नहीं है, उसके हाथ पर बस एक पट्टी है। अपनी याचिका में विनय ने कथित मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया तथा मस्तिष्क और बांह पर चोट के लिए बेहतर उपचार कराए जाने की मांग की है।
जेल अधिकारियों के मुताबिक, तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी में सिर मारकर खुद को उसने जख्मी कर लिया था। याचिका में दावा किया गया है कि शर्मा के परिवार वालों के आग्रह पर उसके वकील जेल में देखने गए तो उन्होंने देखा कि उसके माथे पर गहरी चोट है, दायीं बांह टूटी हुई है और उसपर प्लास्टर है। वह मानसिक बीमारी और सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त है।
याचिका में कहा गया कि शर्मा जेल में अपने वकील और अपनी मां को नहीं पहचान सका। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषियों के खिलाफ तीन मार्च को फांसी के लिए अदालत ने 17 फरवरी को नया मृत्यु वारंट जारी किया था।
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