अर्थजगत – रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, आर्थिक वृद्धि की दर 6% रहने का अनुमान

4 से 6 फरवरी तक चली समीक्षा बैठक के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौजूदा वित्त वर्ष (2019-20) की छठी और अंतिम मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है। आज प्रस्तुत की गई मौद्रिक नीति में आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने रेपो रेट को 5.15 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है। रिजर्व बैंक ने 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इस साल की पहली मौद्रिक नीति का शेयर बाजार ने स्वागत किया है। पॉलिसी के एलान के बाद शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों निफ्टी और सेंसेक्स में उछाल देखने को मिल रहा है। बता दें आम लोगों के साथ शेयर बाजार और उद्योग की नजर आज आने वाली मौद्रिक नीति पर टिकी थीं। रिजर्व बैंक ने पिछले साल छह बैठकों में पांच बार नीतिगत दरों में बदलाव कर चुका है।

आरबीआई ने कहा, ‘आर्थिक गतिविधियां नरम बनी हुई हैं। जिन चुनिंदा संकेतकों में हालिया समय में सुधार देखने को मिला है, व्यापक स्तर पर इनमें भी अभी तेजी आनी शेष है। वृद्धि दर की तुलना में मुद्रास्फीति की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति को लगता है कि स्थिति को यथावत रखा जाना चाहिए। निकट भविष्य में मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की आशंका है। रिजर्व बैंक ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर यथावत रखने का पक्ष लिया।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर यथावत रखने का पक्ष लिया। वहीं रिजर्व बैंक ने 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। रिजर्व बैंक का मानना है कि निकट भविष्य में मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की आशंका है। वहीं केंद्रीय बैंक ने पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 5% से 5.4% कर दिया है। आरबीआई ने कहा है कि खाने-पीने की वस्तुएं महंगी होने की वजह से दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 7.35% पर पहुंच गई। यह साढ़े पांच साल में सबसे ज्यादा है।

आपको बता दें कि आरबीआई नीतियां बनाते समय खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। मध्यम अवधि में आरबीआई का लक्ष्य रहता है कि खुदरा महंगाई दर 4% पर रहे। इसमें 2% की कमी या बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन, दिसंबर में यह 6% की अधिकतम रेंज से भी ऊपर पहुंच गई।

यह 2020 की पहली मौद्रिक नीति है। यह ऐसे समय आईहै, जब बजट पेश किया जा चुका है और जीडीपी अपने 6 साल के निचले स्तरों पर है। वहीं दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसदी पर पहुंच गया है। पिछली मौद्रिक नीति में भी आरबीआई ने रेपो रेट को 5.15 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा था। RBI ने इससे पहले लगातार 5 बार ब्याज दरों में कटौती की थी।

अपने मित्रों और परिजनों को *हमारा गाज़ियाबाद के व्हाट्सएप न्यूज़ ग्रुप* से जोड़ने के लिए यह लिंक शेयर करें। https://chat.whatsapp.com/8YNhSMv65CX3dLKLfcwqqX

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version