गरीबों के लिए बने ईडबल्यूएस फ्लैट बिल्डरों ने बेच दिए महंगे दामों पर, 6 साल से भटक रहे हैं आवंटी

गाज़ियाबाद जिले की हाईटेक और इंटीग्रेटेड टाउनशिप में 2014 में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी का आवंटन होने के बावजूद छह साल बाद भी गरीबों को आशियाना नहीं मिल सका है। बिल्डरों ने टाउनशिप में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी भवन बनाए बगैर ही अपने फ्लैट बेच दिए। जिले में ऐसी कई टाउनशिप भी हैं, जहां अब तक ईडब्ल्यूएस-एलआईजी भवनों के निर्माण की शुरुआत नहीं हुई है। ऐसे में 2014 में आवंटन-पत्र मिलने के बावजूद करीब 3700 आवंटियों को उनके आशियाने की चाबी नहीं मिली पाई है।

आवंटन होने के बाद से लोग लगातार अपने घर की किस्त जमा कर रहे हैं लेकिन घर का कुछ पता नहीं है। आलम ये है कि बिल्डरों पर जीडीए का दबाव भी काम नहीं आ रहा है। बता दें कि हाईटेक व इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए बिल्डरों को दिए गए लाइसेंस में गरीबों के लिए 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस व एलआईजी भवनों का निर्माण करना अनिवार्य था। गाजियाबाद में विभिन्न प्रोजेक्ट में बिल्डरों को 3611 ईडब्ल्यूएस व 3611 एलआईजी का निर्माण करना था। शासन ने ईडब्ल्यूएस भवनों की कीमत 2.40 लाख और एलआईजी की 5.10 लाख तय की थी। आवंटियों को 15 साल में भवन का पैसा जमा करने की सुविधा भी दी गई थी।

जीडीए की ओर से 2014 में आवंटियों को आवंटन-पत्र जारी कर दिए गए। अनुमति मिलने के बाद बिल्डरों ने अपने-अपने प्रोजेक्ट में फ्लैट बनाकर बेच लिए। आवंटियों को अब तक पजेशन नहीं मिल पाया है। कुछ बिल्डरों ने निर्माण करना तो दूर, आवंटियों को ईडब्ल्यूएस के लिए 3.25 लाख और एलआईजी के लिए सात लाख रुपये जमा कराने का नोटिस जारी कर दिया।

बिल्डरों के निर्णय को जीडीए ने सिरे से खारिज किया तो लैंडक्राफ्ट बिल्डर ने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका डाल दी। कोर्ट ने इस बाबत शासन को निर्णय लेने और शासन ने निर्णय का अधिकार जीडीए को सौंप दिया। जीडीए ने पुरानी दरों पर ही ईडब्ल्यूएस व एलआईजी का पजेशन देने का फैसला सुनाया। लेकिन अब आवंटियों को पजेशन मिलने तक बकाया पूरी राशि जमा करानी होगी।

ईडब्ल्यू्एस और एलआईजी भवनों के निर्माण में बिल्डरों की देरी पर जीडीए ने अपने स्तर से कार्रवाई शुरू की। जीडीए उपाध्यक्ष के निर्देश पर सभी प्रवर्तन अनुभागों की ओर से प्रोजेक्ट का स्थलीय निरीक्षण कराया गया। निरीक्षण में कुछ प्रोजेक्ट में अभी तक ईडब्ल्यूएस व एलआईजी का काम तक शुरू नहीं होने से सब हैरान रह गए। ऐसे में अब जीडीए उपाध्यक्ष ने नियमित रूप से ऐसे प्रोजेक्टों का निरीक्षण करने और लापरवाही पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।

क्रॉसिंग्स रिपब्लिक ने बीते साल ईडब्ल्यूएस व एलआईजी आवंटियों को पजेशन लेटर देने की प्रक्रिया शुरू की थी। सोसायटी में लगाए गए शिविर में आवंटियों को सभी रसीदों व दस्तावेज के साथ बुलाया गया था। बिल्डर ने पूरा भुगतान कर चुके आवंटियों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं लगाया। अब पूरा पैसा जमा नहीं करने वालों को 2014 से लेकर अब तक कॉस्ट इंडेक्स के अनुसार बढ़े हुए पैसे जमा करवाने के निर्देश दिए जिस पर जमकर हंगामा हुआ। आवंटियों ने कोई अतिरिक्त रकम जमा करने से साफ इंकार कर दिया।

ईडब्ल्यूएस-एलआईजी भवनों के निर्माण में होने वाली देरी को संज्ञान में लेते हुए अब जीडीए उपाध्यक्ष ने सचिव संतोष कुमार राय की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। कमेटी की ओर से सभी बिल्डरों को कड़ी चेतावनी जारी की गई है। बिल्डरों को नोटिस जारी कर ईडब्ल्यूएस व एलआईजी के निर्माण में होने वाली देरी का जबाव मांगा गया है। साथ ही कमेटी की ओर से निर्माण पर पूरी निगरानी करने के साथ हर माह समीक्षा की जाएगी। जीडीए ने मामले में लापरवाही करने वाले बिल्डरों पर नियमानुसार कार्रवाई की बात कही है।

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