गाजियाबाद में स्थित श्याम पार्क मेट्रो स्टेशन के पास 400 साल पुरानी इमारत मिली है। पीडब्ल्यूडी को इमारत की जानकारी होने के बाद बुधवार को इतिहासकार से इमारत का सर्वे कराया गया। सर्वे के बाद मोदीनगर स्थित एमएम डिग्री कॉलेज के इतिहास के प्रोफेसर के. के शर्मा ने इमारत को शेरशाह सूरी के समय 16वीं शताब्दी में बनाई गई सराय होने का दावा किया है। उनका कहना है कि यह इमारत गाजियाबाद की एतिहासिक धरोहर है, इसके संरक्षण के लिए वह पुरातत्व सर्वेक्षण से मांग करेंगे।
जीटी रोड पर श्यामपार्क मेट्रो स्टेशन के पास एक पुरानी इमारत पर कबाड़ियों ने कब्जा किया हुआ था। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को बीते दिनों इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इमारत के संबंध में पड़ताल के लिए मोदीनगर स्थित एमएम डिग्री कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर के. के शर्मा से संपर्क किया। पीडब्ल्यूडी ने उनसे मौके पर सर्वे करने को कहा। बुधवार को पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ प्रोफेसर के. के शर्मा ने इमारत का सर्वे किया। मौके पर कबाड़ियों ने जगह घेरी हुई थी उसे खाली कराया गया। इमारत देखने के बाद प्रोफेसर केके शर्मा ने दावा किया कि यह 16वीं शताब्दी में शेरशाह सूरी द्वारा बनवाई सराय है। सराय के पास एक कुआं भी मिला है। यह सराय लखौरी ईंट से बनाई गई है। उस समय लखौरी ईंट को हाथ से बनाई जाती थी। चिनाई जिप्सम, उड़द की दाल, चूना और सुरखी से की जाती थी।
प्रोफेसर के. के शर्मा का कहना है कि यह सड़क तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य काल में बनाई गई थी। जो 2,300 साल पुरानी है। उस समय सड़क का उत्तर पथ नाम था, जो पाटलीपुत्र से काबुल तक जाती थी। 16वीं शताब्दी में शेरशाह सूरी ने अपने शासन काल में पक्की सड़क बनवाई।
प्रोफेसर के. के शर्मा का कहना है कि वह जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय से मिलकर शहर की इस प्रकार की प्राचीन धरोहरों के संरक्षण और उनके विकास की मांग करेंगे। इसके साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआई) से भी इमारत को प्राचीन धरोहर घोषित कर इसके संरक्षण की मांग की।
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