सीएए हिंसा – यूपी पुलिस पर हमला करने के लिए कश्मीर से बुलाए गए थे पत्थरबाज़

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने की तैयारी में जुटे पीएफआई ने दूसरे राज्यों के लोगों को बुलाया था। जामिया मिल्लिया में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद ही लखनऊ में भी ऐसा ही धरना करने का खाका खींचा जा चुका था। इसके लिए अन्य राज्यों के साथ ही कश्मीर से भी सेना पर पत्थरबाजी करने में माहिर लोगों को भी बुलाया गया था। पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि उन्हें पुराने लखनऊ व कई हॉस्टल में ठहराया गया था।

हिंसक घटनाओं की जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पत्थरबाज़ों को लखनऊ में हजरतगंज तक पहुंचने और हिंसा फैलाने के बाद वहां से वापस निकलने के रास्तों की जानकारी भी गिरफ्तार किए गए पीएफआई के पदाधिकारियों ने दी थी। हिंसक प्रदर्शन में शामिल हुए यह पत्थरबाज चेहरे पर नकाब बांधे हुए थे।

वहीं, लखनऊ में 19 दिसम्बर को परिवर्तन चौक, खदरा और हुसैनाबाद समेत अन्य स्थानों पर हुई आगजनी और तोड़फोड़ करने वालों से नुकसान की भरपाई करने की तैयारी शुरू हो गई है। पुलिस ने ऐसे करीब एक सौ चेहरों की पहचान की है जो आगजनी और तोड़फोड़ में लिप्त थे। अब इनको प्रशासन की ओर से सरकारी सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई की नोटिस थमाए जाने की तैयारी है।

अधिकारियों के अनुसार सार्वजनिक व निजी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान पुलिस रिपोर्ट के आधार पर होगी। नुकसान का मुल्यांकन कराया जाएगा। राजस्व, पुलिस और संबंधित विभाग द्वारा क्षति का मुल्यांकन किया जाएगा। जिसे आरोपतियों में बांटा जाएगा। संबंधित क्षेत्र के नामित प्राधिकारी अपनी कोर्ट से आरोपी को नोटिस देंगे। इस नोटिस के एवज में अगर जवाब या पेनाल्टी नहीं जमा की जाती तो नुकसान की वसूली आरोपी से भू राजस्व (कुड़की) की तरह की जाएगी। सम्पत्तियों की नीलामी भी की जा सकती है।

व्हाट्सएप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version