BRICS में पीएम मोदी ने कहा- आतंकवाद से ग्लोबल इकोनॉमी को 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान

नई दिल्ली । दुनिया ने आतंकवाद की बड़ी कीमत चुकाई है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को आतंकवाद के कारण 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है । ब्राजील में 11वें ब्रिक्स सम्मेलन में संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद विकास, शांति और समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया ।

ब्राजील की राजधानी ब्रासिलिया के इटामारती पैलेस में 11वें ब्रिक्स सम्मेलन में 5 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष की मौजूदगी में पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ । यह विकास, शांति और समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा है । एक आंकड़े के अनुसार आतंकवाद के कारण विकासशील राष्ट्रों की आर्थिक वृद्धि में 1.5 फीसदी की गिरावट आई है ।

व्यापार-कारोबार को नुकसानः पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद, टेरर फंडिंग, ड्रग ट्रैफिकिंग और संगठित अपराध के कारण संदेह का माहौल बना हुआ है और इस माहौल से व्यापार और कारोबार दोनों को ही नुकसान पहुंचता है । मुझे खुशी है कि आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए ब्रिक्स रणनीति विषय पर पहला सेमिनार का आयोजन किया गया ।

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम आशा करते हैं कि ऐसे प्रयास और पांच देशों की गतिविधियां आतंकवाद और दूसरे संगठित अपराध के खिलाफ ब्रिक्स सुरक्षा सहयोग को और सशक्त बनाएंगे । 10 सालों में आंतकवाद ने 2.25 लाख लोगों की जिंदगी छीन ली और काफी नुकसान पहुंचाया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार वैश्विक कारोबार का सिर्फ 15 फीसदी ही है। इसमें बढ़ोतरी की जरूरत है।

फिटनेस पर बढ़े संवादः पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स में कहा कि हमने अभी हाल में फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की है । हम चाहते हैं कि फिटनेस और सेहत के क्षेत्र में प्रगति के लिए ब्रिक्स देशों के बीच संवाद बढ़ाया जाए । इस समिट की थीम -‘इकोनॉमिक ग्रोथ फॉर एन इनोवेटिव फ्यूचर’ बहुत सटीक है। इनोवेशन हमारे विकास का आधार बन चुका है। इसलिए जरूरी है कि हम इनोवेशन के लिए ब्रिक्स के अंतर्गत सहयोग मजबूत करें।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब हमें अगले दस सालों में ब्रिक्स की दिशा और आपसी सहयोग को और प्रभावी बनाने पर विचार करना होगा। कई क्षेत्रों में सफलता के बावजूद कुछ क्षेत्रों में प्रयास बढ़ाने की काफी गुंजाइश है।

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