नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है। महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। यह फैसला लोकतंत्र के मूल्यों को मजबूत करता है। ये किसी की हार या जीत नहीं है। इसे किसी अलग नजरिए से देखने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि फैसले के बाद महाराष्ट्र में अच्छा माहौल है। मैं इसके लिए महाराष्ट्र के लोगों को धन्यवाद देता हूं।
इससे पहले कार्यवाहक सीएम ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को कानून और व्यवस्था की स्थिति और अयोध्या फैसले के मद्देनजर उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
बता दें कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है। जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया है।
शनिवार सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े, जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर पहुंचे। पांच जजों ने लिफाफे में बंद फैसले की कॉपी पर दस्तखत किए और इसके बाद जस्टिस गोगोई ने फैसला पढ़ना शुरू किया।
पीएम मोदी ने क्या कहा
वहीं, इस फैसले पर पीएम मोदी ने कहा कि इसे हार या जीत के तौर पर न देखें। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें। पीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है। यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है। हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया।न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।
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