गाज़ियाबाद। जनपद की चार बड़ी ग्राम पंचायतों में चार जन सेवा केंद्र खोले जाएंगे। सीडीओ के निर्देश पर डीपीआरओ ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इन गांवों में जन सेवा केंद्र खुलने पर ग्रामीणों को अपने आय, जाति आदि प्रमाण पत्रों को बनवाने के लिए शहर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। साथ ही इन जन सेवा केंद्रों में काम करने वाले भी उसी ग्राम पंचायत के निवासी होंगे। ग्रामीणों को आय, जाति, मूल निवास आदि प्रमाण पत्रों को बनवाने के लिए तहसील पर जाना पड़ता है। शहर में जगह-जगह जन सेवा केंद्र खुले हुए हैं। शहर की तर्ज पर ग्रामीण गांवों में भी जन सेवा केंद्र खोलने की मांग कर रहे थे।
हालांकि कुछ गांवों में जन सेवा केंद्र पहले से चल रहे हैं। शासन ने जनपद की उन ग्राम पंचायतों में जन सेवा केंद्र खोलने का प्रस्ताव मांगा था, जिनकी जनसंख्या अधिक है। डीपीआरओ ने इसके लिए रजापुर ब्लॉक के मसूरी व नाहल, भोजपुर ब्लॉक के कलछीना और लोनी ब्लॉक के हकीकतपुर गांव को चिह्नित किया है। इन गांवों में जन सेवा केंद्र खोलने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। ये जन सेवा केंद्र पंचायत भवन में चलेंगे। डीपीआरओ जन सेवा केंद्रों की मॉनीटरिग करेंगे।
जनपद में कई गांवों की जनसंख्या बहुत अधिक है। मगर इन गांवों में पंचायत भवन नहीं है। भवन नहीं होने की वजह से इन गांवों को जन सेवा केंद्र के लिए चिह्नित नहीं किया गया। हालांकि पंचायत भवन बनने के बाद इन गांवों में जन सेवा केंद्र खोले जाएंगे।
सीडीओ अस्मिता लाल ने बताया कि जन सेवा केंद्र खुलने से ग्रामीणों को काफी फायदा होगा। जनसंख्या के अनुसार शासन को चार गांवों में जन सेवा केंद्र शुरू करने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके बाद अन्य गांवों को भी जन सेवा केंद्र खोलने के लिए चिह्नित किया जाएगा।
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