गाज़ियाबाद। ठक-ठक गिरोह ने पुलिस के सामने घंटाघर पर खरीदारी करने आई महिला प्रोफेसर को ही अपना शिकार बना डाला। गाड़ी से पैसे गिरने का झांसा देकर एक युवक उनका पर्स लूटकर फरार हो गया। प्रोफेसर ने सामने ही खड़े लैपर्ड सवार पुलिसकर्मियों को घटना बताई, लेकिन बदमाशों को पकड़ने की बजाय वे थाने में तहरीर देने की बात कहकर चलते बने।
एनएच-9 स्थित अंसल तनुश्री सोसायटी निवासी डॉ. मोनिका पंवार विश्वेसरैया कॉलेज दादरी में प्रोफेसर हैं। शुक्रवार दोपहर को वह पति लोकेश पंवार के साथ खरीदारी करने के लिए घंटाघर आई थीं। घंटाघर पुलिस चौकी के पास कार खड़ी कर लोकेश पंवार बाजार में चले गए, जबकि डॉ. मोनिका पंवार डेढ़ साल के बच्चे के साथ कार में बैठी रहीं। डॉ. मोनिका का कहना है कि थोड़ी ही देर में एक युवक आया और शीशा खटखटाते हुए गाड़ी के बाहर पैसे गिरे होने की बात कही। वह खिड़की खोलकर बाहर देखने लगीं, इसी दौरान युवक दौड़कर दूसरी तरफ से आया और उनके हाथ से पर्स छीनकर पैदल भाग निकला।
प्रो. मोनिका पंवार का कहना है कि उन्होंने शोर मचाया, लेकिन लोग जब तक कुछ समझ पाते, तब तक आरोपी आंखों से ओझल हो चुका था। पीड़िता का कहना है कि गाड़ी के सामने ही लैपर्ड पर पुलिसकर्मी खड़े थे। उनसे घटना बताई तो वे बदमाशों को पकड़ने के लिए हिले तक नहीं और थाने जाकर शिकायत देने की बात कहकर चलते बने।
पीड़िता का कहना है कि वह भागकर चंद कदम दूर स्थित पुलिस चौकी पहुंची, लेकिन वहां भी पुलिस ने निराश किया। पुलिसकर्मियों ने भी खुद को ट्रैफिक ड्यूटी में व्यस्त बताकर थाने जाने की सलाह दे दी। प्रोफेसर ने वायरलेस सेट पर मैसेज फ्लैश करने की गुहार लगाई, लेकिन वह भी नहीं किया।
पुलिस का रवैया देख प्रो. मोनिका पंवार ने खुद के कंट्रोल रूम पर फोन किया और घटना बताई। इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर पुलिस की शिकायत की। तब जाकर यूपी-100 की पीआरवी मौकेपर पहुंची, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। सीओ प्रथम धर्मेंद्र चौहान है कि जांच कराकर लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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