भोपाल। हनीट्रैप कांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए खुलासे होते जा रहे हैं। गुरुवार की देर शाम तक हनी ट्रैप के मामले में पकड़ी गई आरोपियों से पूछताछ चलती रही। पूछताछ के बाद इनके काम करने के तरीके के बारे में पता चला है। हनीट्रैप के आरोप में पकड़ी गई महिलाएं बड़े ही शातिर तरीके से अपने काम को अंजाम देती थी।
पुलिस की पूछताछ में इन महिलाओं ने कबूला है कि इनके शिकार हुए लोग आसानी से इन्हें पकड़ न सकें, इसके लिए वह मोटा हाथ मारने के बाद अपना घर बदल लेती थीं। हालांकि नया मकान भी पॉश इलाके में ही होता था, ताकि इनके रसूख पर कोई असर न पड़े।
इनमें से एक महिला श्वेता जैन जिसे पुलिस और इंटेलिजेंस की संयुक्त टीम ने भोपाल की सबसे पॉश कॉलोनी रिवेरा टाउन से गिरफ्तार किया है, उसने भी हाल ही में मकान बदला था। श्वेता पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह के मकान में रह रही थी। वह किराए के रूप में 35 हजार रुपये प्रति माह का भुगतान कर रही थी।
विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने श्वेता को रिवेरा टाउन का अपना मकान ब्रोकर के माध्यम से किराए पर दिया था। उन्होंने कहा कि जैन परिवार पहले से ही रिवेरा टाउन में ही किराए पर रह रहा था, लिहाजा ब्रोकर जब उन्हें उनके पास लेकर आया तो उन्होंने ज्यादा सवाल नहीं किए।
इंदौर में पकड़ी गई आरती दयाल मूलतः छतरपुर जिले की रहने वाली है। सूत्रों की मानें तो आरती इससे पहले छतरपुर जिले में भी कई लोगों को हनीट्रैप के जाल में फंसा चुकी है। इसके बाद उसने छतरपुर छोड़ भोपाल को अपना ठिकाना बना लिया।
सूत्रों की मानें तो भोपाल राजधानी होने के कारण नेताओं से लेकर बड़े अधिकारियों और व्यापारियों तक, इनकी अच्छी पैठ और रोजाना साथ उठना-बैठना था। पुलिस को उम्मीद है कि जांच आगे बढ़ने पर कई और खुलासे होंगे।
बता दें कि नगर निगम के एक कर्मचारी को ब्लैकमेल करने के मामले में इंदौर पुलिस ने आरती दयाल और मोनिका यादव को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में इनसे मिली जानकारी के आधार पर भोपाल पुलिस और एटीएस ने रिवेरा टाउन से श्वेता जैन को भी गिरफ्तार कर लिया था।
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