गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने राजेंद्रनगर सेक्टर-2 स्थित डीएलएफ पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के भूखंड आवंटन को निरस्त करने का नोटिस दिया है। आवंटित भूखंड के दुरुपयोग वाले इस मामले में स्कूल संचालन समिति पर आरोप है कि इस भूखंड को पॉलिटेक्निक संस्था संचालित किए जाने के लिए आवंटित किया गया था, लेकिन यहां पर 12वीं तक का स्कूल संचालन किया जा रहा है।
जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि जांच करने के बाद भूखंड के आवंटन को निरस्त करने का फैसला लिया गया है। साथ ही स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। इस प्रकरण पर आगे की कार्रवाई के लिए जल्द ही फैसला किया जाएगा। फिलहाल नोटिस के बाद स्कूल प्रबंधन को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।
दरअसल, विकास प्राधिकरण ने वर्ष 1989 में सेठ जय प्रकाश मुकुंदलाल पॉलिटेक्निक संस्था को पॉलिटेक्निक संस्था संचालित करने के लिए 20,924.40 वर्ग मीटर भूमि को आवंटित किया गया था। लेकिन उस भूखंड पर दरबारी फाउंडेशन की ओर से डीएलएफ स्कूल का संचालन किया जा रहा है। इस प्रकरण में 2013 में शिकायत हुई थी। लेकिन उस समय प्रबंधन ने जवाब दिया था कि यहां पर कर्नाटक ओपन यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त करके पॉलिटेक्निक स्कूल का संचालन किया जा रहा है।
इसके बाद कुछ समय पहले ऑल इंडिया पैरंट्स असोसिएशन के सचिन सोनी ने शिकायत किया कि एक ही भूखंड पर स्कूल और पॉलिटेक्निक का कैसे संचालन हो सकता है। उन्होंने प्रकरण की जांच करवाने की मांग जीडीए वीसी से की। जांच अपर सचिव सीबी त्रिपाठी ने किया। इसकी रिपोर्ट आने के बाद उसके आवंटन को निरस्त किए जाने का फैसला किया गया है।
जीडीए के अधिकारियों के अनुसार कारण बताओ नोटिस के बाद स्कूल प्रबंधन को अपील करने का मौका मिलेगा। लेकिन यदि अपील में भी प्रकरण रिजेक्ट हो जाता है तो जीडीए इस भूखंड पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू करेगा। दूसरा स्कूल प्रबंधन इस भूमि का लैंडयूज शासन स्तर पर जाकर चेंज करवा सकता है। जो पॉलिटेक्निक संस्था के लैंडयूज के स्थान पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल का लैंडयूज किया जा सकता है। लेकिन यह प्रक्रिया बहुत कठिन होती है। आपको बता दें कि इस स्कूल में 12वीं तक 2400 स्टूडेंट पढ़ते हैं। यदि स्कूल के भूखंड पर जीडीए कब्जा लेता है तो इन बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावकों की टेंशन बढ़ जाएगी।
वहीं संस्थान के डायरेक्टर राकेश खुल्लर का कहना है कि पहले हमने पॉलिटेक्निक स्कूल संचालित किया था लेकिन रेस्पॉन्स बहुत अच्छा नहीं था तो हम पॉलिटेक्निक के साथ ही साथ इंटर स्कूल भी शुरू कर दिया है। 15 साल पहले दोनों संस्थान चलाने के लिए आवेदन किया था। लेकिन अभी तक इसकी अनुमति नहीं मिली है। जहां तक भूखंड की लीज कैंसल किए जाने का सवाल है तो इसका नोटिस अभी तक हमें मिला नहीं है।
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