राज्यसभा में आज भाकपा के डी राजा समेत पांच सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें विदाई दी गई। जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हुआ उसमें डी राजा, वी मैत्रेयन, के आर अर्जुन, आर लक्ष्मण, टी रत्नवेल शामिल हैं। डी राजा को कुछ दिनों पहले ही सीपीआई का महासचिव बनाया गया है। सदन में अन्य सदस्यों ने इन सभी नेताओं को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। अपने विदाई भाषण के दौरान एआईडीएमके सांसद वी मैत्रेयन भावुक हो गए।
सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और पांच सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने की जानकारी दी। साथ ही सभापति ने कहा कि इन सदस्यों ने सदन की गरिमा बढ़ाने तथा लोकतंत्र को मजबूत करने में अहम योगदान दिया। उन्होंने सभी सदस्यों के दीर्घायु होने की कामना करते हुए उन्हें आने वाले समय के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
राज्यसभा में भाजपा नेता थावरचंद गहलोत ने कहा कि भले ही उच्च सदन में पांचों सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया हो लेकिन वे जनता की सेवा करते रहेंगे। वहीं विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष हैं लेकिन उन्हें बोलने का मौका मुश्किल से ही मिल पाता है। लेकिन, डी राजा ऐसे नेता हैं जिन्होंने एक दिन में हर मुद्दे पर चार या पांच बार अपनी बात रखी। शून्यकाल से लेकर बैठक स्थगित होने तक उनकी बोलने की क्षमता के बारे में मैं नहीं जान पाया। इस पर सभापति नायडू ने कहा कि वह राजा हैं और आज से वह प्रजा के पास जा रहे हैं।
आजाद ने इन सभी सदस्यों के योगदान का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि सदन में फिर उनकी वापसी होगी। डी राजा ने कहा कि हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं लेकिन महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं हो पाया। आधी आबादी को बराबरी का दर्जा दिए बिना हम वैश्विक स्तर पर उल्लेखनीय भूमिका कैसे निभा पाएंगे? उन्होंने कहा कि ऐसे समाज का निर्माण होना चाहिए जिसमें समानता और सामाजिक न्याय हो।
एआईडीएमके नेता मैत्रेयन ने कहा कि उनकी पार्टी की नेता जे जयललिता ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें तीन बार इस सदन में भेजा। इस दौरान वह बोलते-बोलते भावुक हो गए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह अपनी पार्टी और प्रधानमंत्री के बीच एक तरह से सेतु की भूमिका निभाते थे।