शाबाश : देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य ने जनसंख्या नियंत्रण पर पेश की मिसाल

जहाँ देश के बड़े राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर चुनौती बनी हुई है, वहीं यहाँ के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू कश्मीर ने आज बढ़ती जनसंख्या पर काबू पा लिया है। राज्य में जन्म दर हर साल कम होती जा रही है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है। इस समय जम्मू कश्मीर में प्रति हजार जनसंख्या के पीछे यह दर महज 15.4 है। प्रजनन दर भी दो से कम ही है। आपको बता दें, जम्मू कश्मीर एक ऐसा राज्य है जो गत वर्ष जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पुरस्कृत भी किया जा चुका है।

अनंतनाग जैसे दक्षिण कश्मीर के जिले को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर जिलों में जनसंख्या वृद्धि दर पूरी तरह नियंत्रण में है। एक समय में जम्मू कश्मीर में भी अन्य राज्यों की तरह जनसंख्या तेजी से बढ़ रही थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की मुहिम और सबसे अधिक यहाँ के लोगों की जागरूकता बढ़ते जनसंख्या के आंकड़ों को उलट कर रख दिया।

राज्य में साल 2016 में राष्ट्रीय स्तर पर जन्म दर 20.8 थी। वहीं जम्मू कश्मीर में यह मात्र 16.2 थी। साल 2017 में राष्ट्रीय स्तर पर जन्म दर 17 थी तो जम्मू कश्मीर में यह 15.7 थी। साल 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर जन्म दर जहां 18 थी तो जम्मू कश्मीर में और कम होकर मात्र 15.4 ही रह गई है। इसी तरह राज्य में प्रजनन दर में भी काफी कमी आई है। पांचवें दशक में यहां प्रजनन दर 5.7 थी, जो कि नवें दशक में आते-आते 3.8 रह गई। साल 2018 में प्रजनन दर सिर्फ 1.7 दर्ज की गई।

जानकारी के मुताबिक, राज्य में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। समय समय पर परिवार नियोजन के तरीकों और साधनों के बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाती है। लोग परिवार नियोजन के तरीके अपना रहे है। यहाँ काफी हद तक साक्षरता दर भी बढ़ी है।

 

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