पीएम मोदी ने की विदेश मंत्री की तारीफ, जयशंकर ने अदा किया शुक्रिया

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत की विदेश नीति का लोहा मनवाने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने बेबाक अंदाज के लिए लगातार मशहूर होते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एस जयशंकर के जन्म दिन पर उनकी विदेश नीतियों की तारीफ की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि “विदेशमंत्री एस जयशंकर जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं। वह भारत के विदेशी संबंधों को बढ़ाने और हमारे प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। उन्हें दीर्घायु और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिले।” पीएम मोदी के इस ट्वीट पर जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा कि आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद, आपका नेतृत्व और मार्गदर्शन राष्ट्र के लिए काम करने की निरंतर प्रेरणा है।

दरअसल माना जाता है कि मौजूदा भारतीय विदेश नीति सबसे मजबूत दौर में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी इसका श्रेय निश्चित रूप से जाता है। एस जयशंकर मई 2019 में भारत के विदेश मंत्री बने थे, उससे पहले वे मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 2018 तक विदेश सचिव थे। विदेश सचिव से पहले जयशंकर चीन, रूस और अमेरिका जैसे अहम देशों में भारत के राजदूत रहे थे। आइए आपको विदेश मंत्री के कुछ ऐसे बयानों से आपको अवगत कराते हैं, जिसने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी और जिससे भारत की साख विश्व में कई गुना बढ़ गई।

रूस से तेल खरीदने के सवाल पर दिया था ये जवाब
इसी तरह विदेश मंत्री ने यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस से लगातार तेल और गैस खरीदने के सवाल पर जवाब दिया था कि “भारत की अपनी ऊर्जा जरूरतें हैं। अपने देश के लोगों के लिए सस्ता और अच्छा ऊर्जा का विकल्प देना हमारी प्राथमिकता है। हमें अपने लोगों के लिए जहां से भी सस्ता ईंधन मिलेगा, वहां से हम खरीदेंगे। भारत को कोई यह निर्देश नहीं दे सकता है कि हम किस देश से तेल लें या न लें। यह भारत का अपना अधिकार है।” विदेश मंत्री के इस बयान की तारीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमराखान ने भी अपनी रैली में उनके बयान वाला वीडियो चलाकर की थी।

पाकिस्तान को एफ-16 के लिए मदद पर अमेरिका को फटकार
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को अमेरिका द्वारा 45 लाख करोड़ डॉलर की रक्षा सहायता दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। इस पर जब अमेरिका ने कहा कि यह सहायता एफ-16 के रखरखाव और आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान को दी गई है तो अमेरिका की ही धरती पर विदेश मंत्री भड़क उठे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका को खुले तौर पर कहा कि “आप यह कहकर किसे बेवकूफ बना रहे हैं?” अमेरिका ने भारत से इस लहजे में जवाब की कल्पना भी नहीं की थी। अमेरिका को उसकी धरती पर इस तरह कड़ी फटकार लगाने पर दुनिया भर में भारत की सराहना की गई थी और भारत को दुनिया की उभरती शक्ति के रूप में पेश किया गया।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान और चीन को लगाई लताड़
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा था कि हम अब एक और 9/11 या 26/ 11 नहीं होने दे सकते। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देश आतंकवाद करके राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि सबसे बड़ी चुनौती दोहरे मानकों से निपटना है। जब आतंकवाद पर कार्रवाई की बात आती है तो कुछ देश असहाय हो जाते हैं और आतंकियों के साथ खड़े दिखाई देते हैं। विदेशमंत्री ने यह टिप्पणी पाकिस्तानी आतंकी के खिलाफ अमेरिकी प्रस्ताव पर चीन द्वारा वीटो पॉवर लगाकर खारिज किए जाने के संबंध में की थी। उन्होंने एलएलसी पर चीन के अतिक्रमण पर कहा था कि भारत चीन की ओर से की जाने वाली ऐसी कार्रवाई को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।

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