नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार भारतीय सेना को हर द्रष्टिकोण से मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रही है। भविष्य में युद्ध लड़ने और विकट परिस्थितियों के लिए “तकनीकी रूप से बेहतर बल” बनने की अपनी दृष्टि के अनुरूप, ड्रोन से लेकर व्यक्तिगत सुरक्षा तक की क्षमताओं को पूरा करने के लिए लगातार आपातकालीन खरीद (ईपी) जारी है। इसकी मदद से केंद्र सरकार अपनी भारतीय सेना के बल को और भी सशक्त करने में जुटी है।
आधुनिकीकरण परियोजनाओं पर भारतीय सेना के रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा आपातकालीन खरीद शक्तियों की पहली तीन किश्तों में 6,600 करोड़ रुपये की 68 योजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए हैं। वहीं, चौथी किश्त के हिस्से के रूप में, 7,600 करोड़ रुपये की 49 योजनाओं का अनुबंध किया गया है। इनमें व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण से लेकर संचार प्रणाली, ऊर्जा समाधान, ड्रोन और काउंटर ड्रोन, हथियार और सिमुलेटर शामिल हैं।
34 योजनाएं अभी अंतिम चरण में
रक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि यह भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने और एक जीवंत रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के इरादे से ‘आत्मनिर्भरता’ के दृष्टिकोण को साकार करने का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि खरीद के चौथे दौर के तहत अनुबंधित की जा रही 49 योजनाओं के अलावा, लगभग सात हजार करोड़ रुपये की 34 योजनाएं खरीद के अंतिम चरण में हैं। उन्होंने बताया कि लॉजिस्टिक और नैनो ड्रोन, काउंटर-ड्रोन, लोइटर म्यूनिशन, अनआर्म्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) लॉन्च प्रिसिजन गाइडेड मिसाइलें, स्वचालित स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग सिस्टम आदि जैसी बेहतरीन तकनीकें खरीदी जा रही हैं।
रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना ने परिचालन रसद में अधिक लचीलापन हासिल करने, एकांत चौकियों के रखरखाव और डिलीवरी में अंतिम मील की देरी को कम करने के लिए उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए लॉजिस्टिक ड्रोन खरीदे हैं। हमने उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मिनी आरपीएएस भी हासिल किया है।
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