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जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का बुधवार रात निधन हो गया है। सुरक्षा के मद्देनजर घाटी में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रटिक पार्टी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर शोक जताया।
नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्व हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) का बुधवार को निधन हो गया। उनकी उम्र 91 वर्ष थी। प्रशासन ने एहतियातन घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। इसकी जानकारी कश्मीर के इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार ने दी। सोपोर के बोम्मई के रहने वाले गिलानी कई वर्षो से श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र हैदरपोरा में रह रहे थे। वह हृदय, किडनी, शुगर समेत कई बीमारियों से पीड़ित थे।
पाकिस्तान में एक दिन का शोक, झुका रहेगा झंडा
पाकिस्तानी के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलानी के निधन पर दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘पाकिस्तान में एक दिन का शोक रहेगा और झंडे को आधा झुका दिया जाएगा।’
Deeply saddened to learn of the passing of Kashmiri freedom fighter Syed Ali Geelani who struggled all his life for his people & their right to self determination. He suffered incarceration & torture by the Occupying Indian state but remained resolute.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 1, 2021
जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के मजबूत स्तंभों में गिने जाने वाले गिलानी जम्मू कश्मीर विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। अंतिम समय में उनके पास दोनों पुत्र डा. नईम गिलानी व नसीम गिलानी के अलावा पत्नी जवाहिरा बेगम थीं। उनका सबसे बड़ा दामाद अल्ताफ शाह टेरर फंडिंग में तिहाड़ जेल में बंद है। मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट आफ कश्मीर और हुर्रियत कांफ्रेंस के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले गिलानी ने अल्लामा इकबाल पर भी किताब लिखी थी। अलगाववाद व इस्लाम से जुड़े विषयों पर चार किताबें लिखी थीं।
Restrictions imposed including suspension of internet services in the Valley: IGP Kashmir Vijay Kumar #JammuKashmir pic.twitter.com/qFvE9IVTkF
— ANI (@ANI) September 1, 2021
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने ट्वीट कर गिलानी के निधन पर दुख जताया। ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘गिलानी साहब के निधन से दुखी हूं। हम अधिकतर बातों पर सहमत नहीं होते थे लेकिन मैं उनका सम्मान करती थी ।अल्लाह उनको जन्नत में जगह दें। मैं उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना प्रकट करती हूं।’
29 सितंबर 1929 को सोपोर में जन्मे गिलानी ने कई सालों तक हुर्रियत की अध्यक्षता की। गिलानी ने इसी साल जून में आल पार्टी हुर्रियत कान्फ्रेंस (APHC) से इस्तीफा दिया था। हाल में ही उन्हें 14.4 लाख रुपये के जुर्माने की भुगतान को लेकर रिमाइंडर नोटिस भेजा गया था। यह जुर्माना उनपर प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate, ED) द्वारा FEMA के तहत लगाया गया था। बता दें कि सोपोर से 1972, 1977 और 1987 में गिलानी चुने गए थे।
Saddened by the news of Geelani sahab’s passing away. We may not have agreed on most things but I respect him for his steadfastness & standing by his beliefs. May Allah Ta’aala grant him jannat & condolences to his family & well wishers.
Saddened by the news of Geelani sahab’s passing away. We may not have agreed on most things but I respect him for his steadfastness & standing by his beliefs. May Allah Ta’aala grant him jannat & condolences to his family & well wishers.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 1, 2021
साभार-दैनिक जागरण
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