दक्षिण कश्मीर की बायसरन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मंगलवार को हुए इस हमले में 28 निर्दोष पर्यटक मारे गए, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल था, जबकि 17 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। यह हमला सिर्फ इंसानियत पर नहीं, बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा और संप्रभुता पर भी सीधा प्रहार है। इसके बाद सरकार ने त्वरित और निर्णायक कदम उठाते हुए एक आपातकालीन सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। ढाई घंटे तक चली इस अहम बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में कई बड़े फैसलों की जानकारी दी, जो इस प्रकार हैं:
1. सिंधु जल संधि पर रोक भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। यह रोक तब तक प्रभावी रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता और इस पर ठोस, विश्वसनीय एवं अपरिवर्तनीय कदम नहीं उठाता।
2. अटारी एकीकृत चेक पोस्ट बंद भारत-पाकिस्तान के बीच स्थित अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। जो लोग पहले से वैध तरीके से इस मार्ग से भारत आए हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले लौटने की अनुमति दी गई है।
3. वीजा सुविधाओं में कटौती सार्क वीजा छूट योजना के तहत अब पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, अतीत में जारी किए गए सभी SPES वीजा रद्द कर दिए गए हैं। भारत में मौजूद ऐसे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
4. दूतावासों में सैन्य पदों की समाप्ति नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को persona non grata घोषित कर एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी रक्षा संबंधी अधिकारियों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है।
आतंकियों की पहचान और सुरक्षा एजेंसियों की कार्यवाही हमले के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सेना, एनआईए, पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं। ड्रोन और हेलिकॉप्टर से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। अब तक दो स्थानीय और दो पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान हो चुकी है। स्थानीय आतंकियों में आदिल अहमद ठाकुर (लश्कर-ए-तैयबा) और आशिफ शेख (जैश-ए-मोहम्मद) के नाम सामने आए हैं।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले की घटना को बॉडी कैमरे से रिकॉर्ड किया था, जिससे स्पष्ट होता है कि यह हमला पूर्व-नियोजित और अत्यधिक संगठित था।
प्रधानमंत्री का सख्त संदेश सीसीएस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि इस हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सुरक्षा बलों को निर्देश दिया कि आतंकी हमले के पीछे शामिल हर व्यक्ति और उनके समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाया जाए। तहव्वुर राणा जैसे मामलों की तरह भारत हर उस व्यक्ति की तलाश करेगा, जो आतंकवाद को अंजाम देने या उसे सहायता देने में शामिल रहा है।
अंतिम विदाई में उमड़ा राष्ट्र हमले में मारे गए लोगों के शव बुधवार को श्रीनगर लाए गए, जहां पुलिस नियंत्रण कक्ष में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। गृह मंत्री अमित शाह भी वहां पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की। इस भावुक क्षण ने पूरे देश को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है।
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