भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में बुधवार तड़के एक बार फिर ज़मीन हिल उठी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 4:43 बजे दर्ज किया गया जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.9 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र धरती से 75 किलोमीटर की गहराई में था, जो हिंदू कुश पर्वतीय क्षेत्र को भूकंपीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील बनाता है।
प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में अफगानिस्तान संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (UNOCHA) ने इस ताज़ा भूकंप पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनके अनुसार, अफगानिस्तान वह क्षेत्र है जो अक्सर भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं से प्रभावित रहता है। यहां के कमजोर और पिछड़े समुदायों पर बार-बार आने वाली इन आपदाओं का गहरा असर पड़ता है।
रेड क्रॉस जैसी संस्थाओं का कहना है कि अफगानिस्तान पहले भी कई बार भीषण भूकंपों का सामना कर चुका है। हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला भूगर्भीय रूप से अत्यधिक सक्रिय क्षेत्र है, जिसके कारण यहां प्रति वर्ष कई भूकंप महसूस किए जाते हैं।
भूकंप के दौरान क्या करें और क्या न करें? भूकंप जैसी आपदाएं कब आएंगी, यह तो तय नहीं किया जा सकता, लेकिन इससे बचाव की तैयारी हमेशा की जा सकती है। आइए जानते हैं कुछ जरूरी और जीवनरक्षक उपाय जिन्हें अपनाकर आप अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं:
यदि आप घर के अंदर हैं ज़मीन पर झुक जाएं और किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे शरण लें।
यदि मेज उपलब्ध नहीं है, तो अपने सिर और चेहरे को बाजुओं से ढकें और किसी कोने में झुककर बैठ जाएं।
शीशे, खिड़कियों, दीवारों, अलमारियों और लटकने वाली वस्तुओं से दूर रहें।
जब तक झटके पूरी तरह रुक न जाएं, स्थिर रहें और घबराएं नहीं।
यदि आप घर के बाहर हैं बिल्डिंग, पेड़, बिजली के खंभे और तारों से दूरी बनाए रखें।
किसी खुले स्थान पर रहें और जब तक झटके बंद न हों, वहीं रुकें।
अधिकांश दुर्घटनाएं गिरती हुई दीवारों, शीशों और अन्य वस्तुओं से होती हैं, इसलिए बाहर निकलने की जल्दबाजी न करें।
यदि आप वाहन में हैं जितना जल्दी हो सके, सुरक्षित स्थान पर गाड़ी रोकें।
ओवरपास, पुल, पेड़, खंभों आदि के नीचे गाड़ी ना रोकें।
झटकों के थमने के बाद, सावधानीपूर्वक आगे बढ़ें और टूटी-फूटी सड़कों या पुलों से बचें।
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