दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक फॉक्सकॉन (Foxconn), जो एपल (Apple) के iPhone जैसे प्रीमियम प्रोडक्ट्स बनाती है, अब उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के पास अपनी नई और संभवतः दूसरी सबसे बड़ी यूनिट खोलने की तैयारी में है। यह कदम भारत को iPhone मैन्युफैक्चरिंग के एक बड़े ग्लोबल हब में तब्दील कर सकता है।
उत्तर से दक्षिण की ओर विस्तार तमिलनाडु, तेलंगाना और बेंगलुरु में पहले से मौजूद यूनिट्स के बाद, अब फॉक्सकॉन नॉर्थ इंडिया में भी अपने पैर पसारने जा रही है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ग्रेटर नोएडा के पास 300 एकड़ जमीन लेने की योजना बना रही है, जहां पर वह एक विशाल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित कर सकती है।
JEWAR एयरपोर्ट के पास बन सकती है यूनिट फॉक्सकॉन ने जिस जमीन में दिलचस्पी दिखाई है, वह यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित है – यह वही क्षेत्र है जहां पर देश का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बन रहा है। इस क्षेत्र का विकास यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) द्वारा किया जा रहा है।
यह यूनिट, कंपनी की पहले से मौजूद बेंगलुरु यूनिट से भी बड़ी हो सकती है और संभावना है कि यह फॉक्सकॉन की वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बन जाए। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि यहां पर किन प्रोडक्ट्स का निर्माण होगा। सरकार और कंपनी के बीच इसको लेकर बातचीत चल रही है।
सेमीकंडक्टर यूनिट के पास नया प्लांट जिस जमीन पर फॉक्सकॉन यूनिट स्थापित करना चाहती है, वह उसी क्षेत्र के पास है जहां पहले से HCL-फॉक्सकॉन की OSAT (Outsourced Semiconductor Assembly and Testing) यूनिट के लिए 50 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। अब कंपनी इसी के बगल में 300 एकड़ जमीन लेने की तैयारी में है।
भारत को मिलेगा बड़ा फायदा अगर यह प्रोजेक्ट साकार होता है, तो इससे भारत को न केवल मैन्युफैक्चरिंग में बढ़त मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बड़ा बल देगा और भारत को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में एक मजबूत स्थान दिला सकता है।
सरकारी सहयोग से बन सकता है नया मैन्युफैक्चरिंग हब भारत सरकार पहले ही फॉक्सकॉन इंडस्ट्रियल पार्क प्रोजेक्ट के लिए जमीन देने की पेशकश कर चुकी है। इस यूनिट के शुरू होने से नोएडा और ग्रेटर नोएडा इलाका टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग का नया केंद्र बन सकता है।
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