मेलबर्न में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला: दीवारों पर भड़काऊ नारे, भारत की गरिमा पर चोट

मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया — भारतीय वाणिज्य दूतावास की दीवारों पर आपत्तिजनक नारे और चित्र बनाए जाने की ताज़ा घटना ने एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया में भारतीय संस्थानों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह कोई पहली बार नहीं है, जब भारत-विरोधी तत्वों ने इस प्रकार की हरकत को अंजाम दिया हो, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब ऐसी घटनाओं को हल्के में नहीं लेगा।
घटना की जानकारी
जानकारी के अनुसार, यह घटना गुरुवार तड़के लगभग 1 बजे की है, जब कुछ अज्ञात असामाजिक तत्वों ने मेलबर्न स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास की मुख्य दीवार पर भड़काऊ और आपत्तिजनक नारे लिखे तथा चित्र बनाए। स्थानीय पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर कहा है कि यह तोड़फोड़ बुधवार और गुरुवार की रात के बीच हुई। हालांकि अब तक किसी संदिग्ध की पहचान नहीं हो सकी है।
जांच में जुटी पुलिस
विक्टोरिया पुलिस ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि अपराधियों की पहचान हो सके। साथ ही आम जनता से भी अपील की गई है कि अगर किसी के पास इस घटना से जुड़ी कोई जानकारी हो तो वे आगे आकर पुलिस की मदद करें।
भारत की तीखी प्रतिक्रिया
इस शर्मनाक घटना के तुरंत बाद भारतीय उच्चायोग ने ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों से संपर्क कर इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। उच्चायोग ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान जारी कर कहा,
“मेलबर्न स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में हुई तोड़फोड़ की घटना को ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ गंभीरता से उठाया गया है। भारत सरकार अपने राजनयिक और व्यावसायिक संस्थानों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।”
भारत की इस कड़ी प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि अब देश अपने प्रतिष्ठानों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।
पहले भी हुए हैं ऐसे हमले
मेलबर्न स्थित भारतीय संस्थानों को इससे पहले भी कई बार निशाना बनाया जा चुका है, खासकर तब जब भारत और कुछ अन्य देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। ये घटनाएं यह दर्शाती हैं कि भारत-विरोधी तत्व ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी सक्रिय हैं और वे जानबूझकर भारत की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार की भूमिका
विक्टोरिया की मुख्यमंत्री जैसिंटा एलन की सरकार ने हाल ही में घृणा और धार्मिक भेदभाव से प्रेरित अपराधों के खिलाफ सख्त कानून लागू किए हैं। इन नए कानूनों के तहत दोषियों को पहले से कहीं अधिक कठोर सजा दी जाएगी। अब यह देखना होगा कि इस मामले में ऑस्ट्रेलियाई सरकार कितनी तेजी से और कितनी सख्ती से कार्रवाई करती है।
क्या भारतीय संस्थान सुरक्षित हैं?
यह घटना एक बार फिर इस सवाल को जन्म देती है कि क्या विदेशों में स्थित भारतीय संस्थानों की सुरक्षा पुख्ता है? भारत सरकार की ओर से की गई सख्त प्रतिक्रिया और ऑस्ट्रेलियाई प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग यह संकेत देती है कि अब ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
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