भारत की रक्षा तकनीक में एक और बड़ी सफलता: तेजस LCA MK1 ने अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण किया

भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को और अधिक सशक्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। बुधवार, 12 मार्च 2025 को, स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस LCA AF MK1 ने ओडिशा के चांदीपुर तट से बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) “अस्त्र” का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) के संयुक्त प्रयासों से किया गया।
अस्त्र मिसाइल: दुश्मन के विमान को बिना देखे मार गिराने में सक्षम
अस्त्र एक बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है, जिसका अर्थ है कि यह मिसाइल अपने लक्ष्य को बिना सीधे देखे ही नष्ट कर सकती है। परीक्षण के दौरान, इस मिसाइल ने हवा में उड़ रहे अपने लक्ष्य को पूरी सटीकता और शक्ति के साथ मार गिराया। परीक्षण के दौरान सभी तकनीकी प्रणालियां सही ढंग से कार्य कर रही थीं, जिससे यह सिद्ध हो गया कि यह मिसाइल अपने लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से भेद सकती है।
अस्त्र मिसाइल की विशेषताएँ
100 किलोमीटर से अधिक मारक क्षमता: यह मिसाइल 100 किलोमीटर से अधिक दूरी तक अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
आधुनिक गाइडेंस और नेविगेशन सिस्टम: इसमें उन्नत मार्गदर्शन (गाइडेंस) और नेविगेशन तकनीक लगी हुई है, जिससे यह बेहद सटीक हमला कर सकती है।
तेज गति और उच्च प्रभाव: यह मिसाइल तेज गति से लक्ष्य की ओर बढ़ती है और उच्च विस्फोटक शक्ति के साथ दुश्मन के विमान को नष्ट करने में सक्षम है।
भारतीय वायु सेना में पहले से शामिल: इस मिसाइल को पिछले वर्ष अक्टूबर-नवंबर में भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा चुका है।
स्वदेशी रक्षा प्रणाली को मिलेगी मजबूती
इस सफलता ने भारत की स्वदेशी रक्षा प्रणाली को और मजबूत किया है। आने वाले समय में तेजस विमान और अस्त्र मिसाइल की और भी उन्नत क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा। यह परीक्षण स्वदेशी तकनीक को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की कड़ी मेहनत का नतीजा
इस सफलता का श्रेय ADA, DRDO, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों को जाता है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से इस परियोजना को सफल बनाया। इसके अलावा, CEMILAC, DG-AQA, IAF और टेस्ट रेंज टीम ने भी इसमें अहम योगदान दिया।
रक्षा मंत्री और DRDO प्रमुख ने दी बधाई
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर DRDO, IAF, ADA और HAL की टीम को बधाई दी और इसे भारत की रक्षा शक्ति को और अधिक सशक्त बनाने वाला कदम बताया। वहीं, DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत ने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के योगदान की सराहना की और आगे के परीक्षणों की योजना की जानकारी दी।
अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला कदम है। यह मिसाइल न केवल वायु सेना की युद्ध क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि भारत को आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करेगी। आने वाले समय में तेजस और अस्त्र मिसाइल की और भी उन्नत तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा, जिससे भारतीय वायु सेना को और अधिक मजबूती मिलेगी।
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