राज्यसभा में हंगामा: मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर मचा बवाल, मांगी माफी

संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही जारी है। मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक बयान पर भारी हंगामा खड़ा हो गया, जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी। उनके बयान को लेकर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विरोध जताया, जिसके चलते सदन में तीखी बहस छिड़ गई। आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर मल्लिकार्जुन खरगे ने ऐसा क्या कहा जिससे यह विवाद खड़ा हो गया।
क्या था पूरा मामला?
राज्यसभा में मंगलवार को नई शिक्षा नीति पर चर्चा चल रही थी। इस दौरान उपसभापति हरिवंश ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बोलने का मौका दिया। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे खड़े हो गए और अपनी बात रखने लगे। इस पर उपसभापति ने उन्हें याद दिलाया कि उन्हें सुबह ही बोलने का मौका दिया गया था। इस पर खरगे ने कहा कि तब शिक्षा मंत्री मौजूद नहीं थे। उपसभापति ने जब उन्हें बैठने के लिए कहा तो वे नाराज हो गए।
इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “आपको क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोकेंगे।” उनके इस बयान से सदन में मौजूद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि खरगे एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि खरगे अपने बयान के लिए माफी मांगें।
मल्लिकार्जुन खरगे ने मांगी माफी
सदन में बढ़ते विरोध को देखते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान उपसभापति के लिए नहीं, बल्कि सरकार की नीतियों के खिलाफ था। उन्होंने कहा, “अगर मेरे शब्दों से उपसभापति को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।” इसके बाद भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक जारी रही।
जेपी नड्डा पर खरगे का पलटवार
माफी मांगने के बाद भी खरगे ने सत्ता पक्ष पर हमला जारी रखा। उन्होंने जेपी नड्डा पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष को ट्रेनिंग की नसीहत देने वाले नेता सदन को ही इसकी जरूरत है। उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब उपसभापति हरिवंश आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवा रहे थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का नाम लिया गया, लेकिन वह सदन में मौजूद नहीं थे।
इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, “जेपी नड्डा ने कल कहा था कि विपक्ष को सदन के नियमों की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, लेकिन सत्ता पक्ष के लोग खुद समय पर सदन में नहीं आते। पहले वे अपनी ट्रेनिंग पूरी करें।”
विपक्ष का हमला और सत्ता पक्ष का बचाव
इस पूरे घटनाक्रम के बाद विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि मंत्री और सत्ताधारी दल के सदस्य समय पर सदन में नहीं आते हैं, जिससे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा बाधित होती है। वहीं, सत्ता पक्ष ने मल्लिकार्जुन खरगे की भाषा को असंसदीय करार दिया और उनकी आलोचना की।
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर हुए हंगामे ने एक बार फिर संसद में गरमागरमी बढ़ा दी। जहां विपक्ष ने सरकार की नीतियों की आलोचना की, वहीं सत्ता पक्ष ने कांग्रेस नेता की भाषा को लेकर नाराजगी जताई। हालांकि, खरगे ने माफी मांगकर मामले को शांत करने की कोशिश की, लेकिन यह स्पष्ट हो गया कि संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा।
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