लीलावती अस्पताल विवाद: 1500 करोड़ की गड़बड़ी व काले जादू के आरोप

मुंबई के प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल को कौन नहीं जानता? यह अस्पताल बॉलीवुड से लेकर उद्योगपतियों तक, शहर के हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमुख केंद्र रहा है। लेकिन हाल ही में यह अस्पताल चर्चा में है, और वजह इसकी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं नहीं, बल्कि एक बड़े घोटाले और रहस्यमय आरोपों का सामना करना है।
1500 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप
लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (LKMMT) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और बांद्रा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों ने 1500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का दुरुपयोग किया है। यह मामला तब उजागर हुआ जब अस्पताल के वित्तीय रिकॉर्ड्स का फॉरेंसिक ऑडिट किया गया। इस ऑडिट के दौरान कई अनियमितताओं का पता चला, जिससे ट्रस्ट के संचालन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
अस्पताल में काले जादू का आरोप
इस घोटाले में एक और चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों और संबंधित व्यक्तियों पर काला जादू करने का भी आरोप लगाया गया है। लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट के परमानेंट रेजिडेंट ट्रस्टी प्रशांत मेहता ने बताया कि इस संबंध में बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेशों के बाद एफआईआर दर्ज की गई। अब तक तीन से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, जबकि चौथी कार्यवाही मजिस्ट्रेट के सामने लंबित है। ट्रस्ट ने दावा किया है कि अस्पताल की पवित्रता और अखंडता को बनाए रखने के लिए वे हरसंभव कदम उठा रहे हैं।
लीलावती अस्पताल की स्थापना और विरासत
लीलावती अस्पताल की स्थापना 1997 में लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट द्वारा की गई थी। इस अस्पताल को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की पेशकश के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इसका नाम हीरा उद्योग के मशहूर व्यवसायी कीर्तिलाल मेहता की मां लीलावती मेहता के नाम पर रखा गया।
कीर्तिलाल मेहता जेम्बेल डायमंड्स के संस्थापक थे, जो एक वैश्विक हीरा साम्राज्य का संचालन करता है। उनके व्यवसाय और परोपकार के प्रति समर्पण ने उन्हें लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट स्थापित करने के लिए प्रेरित किया, जो इस अस्पताल के संचालन में मदद करता है। उनका परिवार आज भी उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहा है और लीलावती अस्पताल को भारत के प्रमुख हेल्थकेयर संस्थानों में बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।
आगे की राह
यह घोटाला न केवल ट्रस्ट के प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि मुंबई के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थानों में से एक की छवि को भी प्रभावित कर रहा है। अब यह देखना होगा कि जांच के नतीजे क्या आते हैं और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है। ट्रस्ट का दावा है कि वे लीलावती अस्पताल की प्रतिष्ठा को बनाए रखने और इसे भ्रष्टाचार मुक्त रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
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