विदेशी मुद्रा व्यापार के नाम पर ठगी: 170 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, ईडी ने किया बड़ा खुलासा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा व्यापार के नाम पर चल रहे एक बड़े धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) स्कीम के तहत लाखों निवेशकों को ठगा गया। इस मामले में ईडी ने 30 से अधिक बैंक खातों और लाकरों से 170 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने यह कार्रवाई शामली, दिल्ली, नोएडा और रोहतक में आरोपितों के ठिकानों पर की है, जहां विदेशी मुद्रा व्यापार की आड़ में एक वर्ष में निवेशकों का पैसा दोगुना करने का झांसा दिया गया था।
मास्टरमाइंड लविश चौधरी का खुलासा
ईडी ने इस मामले के मास्टरमाइंड नवाब उर्फ लविश चौधरी के शामली स्थित घर से 96 लाख रुपये कैश, डिजिटल डिवाइस और कई विदेशी व भारतीय दस्तावेज बरामद किए हैं। लविश चौधरी और उसके साथी एजेंटों ने करीब 500 निवेशकों को फारेक्स (विदेशी मुद्रा) ट्रेडिंग के जरिए उनका पैसा दोगुना करने का झांसा देकर 210 करोड़ रुपये की ठगी की थी।
ईडी के अधिकारी बताते हैं कि इस स्कीम के जरिए आरोपितों ने देशभर से निवेशकों को आकर्षित किया। इन निवेशकों को विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग का आकर्षक प्रस्ताव दिया गया था, जिसमें उन्हें वादा किया गया था कि उनका निवेश एक साल में दोगुना हो जाएगा। लेकिन जब निवेशकों ने पैसा लगाया, तो उन्हें कोई लाभ नहीं मिला और उनका पैसा कहीं गायब हो गया।
जांच में मिले कई राज
ईडी की टीम ने जांच के दौरान कई राजफाश किए हैं, जिसमें ट्रेडिंग कंपनियां जैसे “बोट ब्रो” और “क्यूएफएक्स ट्रेड” शामिल हैं। एजेंटों द्वारा चलाए गए इस रैकेट में निवेशकों से एक वर्ष में पैसा दोगुना करने का वादा किया गया था, जबकि असल में यह एक धोखाधड़ी थी।
दुबई में फरार आरोपी
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि मुख्य आरोपी लविश चौधरी और उसके कुछ साथी दुबई भाग गए थे। आरोपितों ने यहां तक कि विदेश में भी विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग का कारोबार शुरू किया था। आरोपितों ने दुबई में आठ कंपनियां बना ली थीं और राजेंद्र सूद, विनीत कुमार और संतोष शर्मा जैसे आरोपी इनके साथ थे। तीनों आरोपित अब दुबई में छिपे हुए हैं और उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
ईडी की कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
ईडी ने इस मामले में अब तक 20 से अधिक एजेंटों से पूछताछ की है। इन एजेंटों में बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, रोहतक, नोएडा और दिल्ली के निवासी शामिल हैं। ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस मामले में और बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इससे पहले, एसआईटी (विशेष जांच दल) ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया था और उनके करोड़ों रुपये की संपत्ति फ्रीज की थी।
निवेशकों के लिए सख्त संदेश
यह मामला विदेशी मुद्रा व्यापार के नाम पर चल रही धोखाधड़ी और निवेशकों को उनके पैसे का लालच देने के खिलाफ एक सख्त संदेश है। ईडी की कार्रवाई से यह साफ है कि अब कोई भी एजेंट या कंपनी निवेशकों के साथ धोखाधड़ी नहीं कर पाएगी, और जो भी इसके खिलाफ कार्रवाई करेगा, उसे सजा मिलेगी।
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