नया इनकम टैक्स बिल 2025: करदाताओं के लिए क्या बदलेगा? जानिए पूरी जानकारी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया, जो करदाताओं के लिए टैक्स प्रणाली को अधिक सरल और पारदर्शी बनाने का लक्ष्य रखता है। यह नया कानून 1961 के पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा और इसे ‘इनकम टैक्स एक्ट, 2025’ कहा जाएगा। इस बिल के लोकसभा में पारित होने के बाद अब इसे संसदीय समिति को भेजा जाएगा। आइए जानते हैं कि इस नए इनकम टैक्स बिल में क्या खास है और इससे करदाताओं को क्या लाभ होगा।
1. कानून को सरल और स्पष्ट बनाने की पहल
नए इनकम टैक्स बिल का मुख्य उद्देश्य कर कानून को सरल और समझने में आसान बनाना है। इसमें पुराने कानून की तुलना में लगभग 3 लाख शब्द कम किए गए हैं, जिससे इसे पढ़ना और समझना अधिक सुगम होगा।
2. पुराने और गैरजरूरी प्रावधान हटाए गए
1961 के आयकर कानून में कई ऐसे प्रावधान थे, जो अब प्रासंगिक नहीं थे। नए कानून में ऐसे प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे मुकदमेबाजी कम होगी और कर मामलों का शीघ्र निपटारा संभव होगा।
3. भाषा को सरल बनाया गया
पुराने कानून में कई जटिल कानूनी शब्दों का इस्तेमाल किया गया था, जिन्हें आम करदाता समझने में असमर्थ थे। नए कानून में इन शब्दों को आसान भाषा में बदला गया है। उदाहरण के लिए, ‘नॉटविथस्टैंडिंग’  को ‘इरिस्पेक्टिव ऑफ एनीथिंग’  कर दिया गया है।
4. ‘असेसमेंट ईयर’ की जगह अब ‘टैक्स ईयर’
अब ‘असेसमेंट ईयर’ को ‘टैक्स ईयर’ कहा जाएगा, जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलेगा। अगर कोई व्यवसाय बीच में शुरू होता है, तो उसका टैक्स ईयर उसी वित्त वर्ष में समाप्त होगा। इससे करदाताओं को आसानी होगी।
5. डिजिटल संपत्तियों पर कर का निर्धारण
नए कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल एसेट्स को ‘कैपिटल एसेट’ माना जाएगा और उन पर कर लगाया जाएगा। इससे डिजिटल संपत्तियों के टैक्स सिस्टम में अधिक स्पष्टता आएगी।
6. TDS और प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन का सरलीकरण
TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) और प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन को टेबल फॉर्मेट में पेश किया गया है, जिससे करदाताओं के लिए यह समझना आसान होगा कि उन्हें कितना कर देना है।
7. कर विवादों का शीघ्र समाधान
अब टैक्स विवादों को जल्दी निपटाने के लिए DRP (डिस्प्यूट रेजोल्यूशन पैनल) के फैसले को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। इससे अनावश्यक मुकदमेबाजी कम होगी और कर विवाद शीघ्र सुलझेंगे।
8. नए और पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं
सरकार नए टैक्स रिजीम को बढ़ावा दे रही है, लेकिन ओल्ड टैक्स रिजीम भी जारी रहेगी। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल सरकार पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म करने का इरादा नहीं रखती।
9. लंबित टैक्स असेसमेंट पुराने कानून के तहत ही पूरे होंगे
नए कानून के लागू होने से पहले लंबित टैक्स असेसमेंट को पुराने कानून के अनुसार ही पूरा किया जाएगा। इससे करदाताओं को किसी तरह की असमंजस की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा।
10. संसद से मंजूरी के बाद होगा लागू
यह नया इनकम टैक्स बिल लोकसभा में पास हो चुका है और अब इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा। समिति की सिफारिशों के बाद इसे पुनः संसद में पेश किया जाएगा। संसद और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह नया इनकम टैक्स कानून लागू हो जाएगा।
नए इनकम टैक्स कानून का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है। इससे न केवल करदाताओं को लाभ मिलेगा, बल्कि सरकार को भी कर संग्रह में वृद्धि होगी। डिजिटल संपत्तियों पर कर व्यवस्था को स्पष्ट करना, टैक्स विवादों का शीघ्र समाधान और सरल भाषा का उपयोग इस कानून की प्रमुख विशेषताएं हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संसदीय समिति इसमें क्या संशोधन सुझाती है और यह नया कानून किस प्रकार करदाताओं को लाभ पहुंचाने में सक्षम होता है।-
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