दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की ऐतिहासिक जीत, अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर हार

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे सामने आने लगे हैं, और इस बार का चुनाव कई बड़े राजनीतिक उलटफेर का गवाह बना है। भाजपा ने भारी बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता हासिल कर ली है, जिससे आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है।
नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल की हार
दिल्ली की सबसे चर्चित सीटों में से एक नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भाजपा के प्रवेश वर्मा ने हरा दिया है। यह नतीजा AAP के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है क्योंकि यह सीट खुद मुख्यमंत्री की थी।
कालकाजी सीट से आतिशी की जीत
हालांकि, AAP के लिए कुछ राहत की खबर भी आई है। कालकाजी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना ने भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी को शिकस्त देकर पार्टी की लाज बचाई।
कालकाजी सीट चुनाव परिणाम:
प्रत्याशी
प्राप्त मत
आतिशी (AAP)
52,154
रमेश बिधूड़ी (BJP)
48,633
अल्का लांबा (Congress)
4,392
आतिशी की जीत का अंतर
3,521 मतों से
अन्य प्रमुख सीटों पर रुझान
दिल्ली की कई सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली। कुछ प्रमुख सीटों के नतीजे इस प्रकार रहे:
जंगपुरा – आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया भाजपा के प्रत्याशी से चुनाव हार गए हैं।
बिजवासन – भाजपा के कैलाश गहलोत आगे चल रहे हैं।
रिठाला – भाजपा के कुलवंत राणा आगे, AAP के महेंद्र गोयल पीछे।
बादली – भाजपा ने बढ़त बना ली है।
बाबरपुर – मुकाबला रोचक बना हुआ है।
मुस्तफाबाद, हरि नगर, सीलमपुर, ओखला – विभिन्न सीटों पर BJP और AAP के बीच करीबी टक्कर चल रही है।
दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के संकेत
अब तक के रुझानों में भाजपा 47 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि आम आदमी पार्टी सिर्फ 23 सीटों पर आगे चल रही है। यह साफ संकेत दे रहा है कि दिल्ली में भाजपा सरकार बनाने जा रही है।
बड़े नेता जो चुनाव हार गए:
अरविंद केजरीवाल (AAP) – नई दिल्ली से हारे
मनीष सिसोदिया (AAP) – जंगपुरा से हारे
संदीप दीक्षित (Congress) – चुनाव हारे
रमेश बिधूड़ी (BJP) – कालकाजी से हारे
बड़े नेता जो चुनाव जीत गए:
प्रवेश वर्मा (BJP) – नई दिल्ली से जीते
आतिशी मार्लेना (AAP) – कालकाजी से जीतीं
विजेंद्र गुप्ता (BJP) – आगे
देवेंद्र यादव (Congress) – आगे
गोपाल राय (AAP) – आगे
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे बताते हैं कि भाजपा ने दिल्ली की राजनीति में एक नई लहर पैदा कर दी है। अरविंद केजरीवाल की हार ने यह स्पष्ट कर दिया कि आम आदमी पार्टी को इस बार जनता का अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। हालांकि, कुछ सीटों पर AAP ने मुकाबला जरूर किया, लेकिन भाजपा की बढ़त को रोकने में असफल रही।
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