दिल्ली में किसकी सरकार? फैसला आज होगा!

देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे। सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी और उम्मीद की जा रही है कि दोपहर बाद तक सभी 70 विधानसभा सीटों के नतीजे स्पष्ट हो जाएंगे। इस चुनावी महासमर में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है।
कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना
सभी 70 विधानसभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना होगी। चुनाव आयोग ने मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा है ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी गिनती सुनिश्चित की जा सके। दिल्ली की जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपनी पसंदीदा पार्टी को चुनने के लिए मतदान किया था, अब देखना होगा कि मतदाताओं ने किसे सत्ता की बागडोर सौंपी है।
एग्जिट पोल में भाजपा की बढ़त, लेकिन असली परीक्षा बाकी
अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा को बढ़त मिलने की संभावना जताई गई है। हालांकि, वास्तविक नतीजे ही यह तय करेंगे कि आने वाले पांच सालों तक दिल्ली की सत्ता पर कौन काबिज होगा। आम आदमी पार्टी ने आत्मविश्वास के साथ सत्ता में वापसी का भरोसा जताया है, जबकि भाजपा इस बार दिल्ली की सत्ता हथियाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। वहीं, कांग्रेस भी वापसी के लिए प्रयासरत है।
नई दिल्ली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और भाजपा के प्रवेश वर्मा के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के सामने भाजपा के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा चुनौती पेश कर रहे हैं।
केजरीवाल और चुनाव आयोग के बीच टकराव
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर बूथ-वार मतदान डेटा उपलब्ध न कराने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि चुनाव संचालन नियम, 1961 का पूर्ण रूप से पालन किया गया है।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 49एस के अनुसार, सभी पीठासीन अधिकारियों ने मतदान के दिन प्रत्येक मतदान एजेंट को फॉर्म 17सी में दर्ज मतों का लेखा-जोखा प्रदान किया है।
अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चुनाव आयोग ने फॉर्म 17सी को सार्वजनिक रूप से अपलोड करने से इनकार कर दिया है। इस पर आम आदमी पार्टी ने खुद एक वेबसाइट बनाकर सभी विधानसभा क्षेत्रों के फॉर्म 17सी अपलोड किए हैं, ताकि जनता को पारदर्शी जानकारी मिल सके।
चुनावी प्रक्रिया और पारदर्शिता
चुनाव संचालन नियम, 1961 के अनुसार, मतदान समाप्त होने के बाद पीठासीन अधिकारी फॉर्म 17सी में मतों का लेखा-जोखा तैयार करता है और इसे एक सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रखता है। इसके अलावा, प्रत्येक मतदान एजेंट को इसकी एक प्रति भी दी जाती है। इस नियम के तहत चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कोशिश की जाती है, जिससे किसी भी तरह की अनियमितता पर सवाल न उठे।
दिल्ली की जनता के फैसले का इंतजार
अब सभी की निगाहें चुनावी नतीजों पर टिकी हैं। दिल्ली की जनता ने अपना निर्णय ईवीएम में दर्ज कर दिया है और आज तय होगा कि राजधानी में किसकी सरकार बनेगी। क्या आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी, या भाजपा इस बार सत्ता पर कब्जा करने में सफल होगी? या फिर कांग्रेस कोई चौंकाने वाला प्रदर्शन करेगी? इन सभी सवालों के जवाब आज मिल जाएंगे।
दिल्ली की राजनीति का यह चुनावी संग्राम अब अपने अंतिम चरण में है, और पूरे देश की नजरें इस पर टिकी हैं।
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