प्रोबा-3: अंतरिक्ष में बनेगा पहला कृत्रिम सूर्य ग्रहण, विज्ञान की नई उड़ान

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने वैज्ञानिक अनुसंधान में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अंतरिक्ष में पहला कृत्रिम सूर्य ग्रहण बनाने की योजना बनाई है। इस प्रयास का उद्देश्य सूर्य के सबसे चमकदार लेकिन कम समझे गए हिस्से, ‘कोरोना’ या ‘सूर्य प्रभामंडल’ का अध्ययन करना है।
मिशन का नाम और प्रक्षेपण
‘प्रोबा-3’, नामक यह मिशन, दो सैटेलाइट्स पर आधारित है। इसे आज, गुरुवार, भारत के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-XL रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा। हालांकि, पहले तकनीकी कारणों से यह प्रक्षेपण बुधवार को स्थगित कर दिया गया था। अब यह मिशन शाम 4:12 बजे प्रक्षेपित होगा।
प्रोबा-3: कैसे काम करेगा?
प्रोबा-3 के तहत, दो सैटेलाइट एक साथ सूर्य के प्रकाश को ब्लॉक करके पूर्ण सूर्य ग्रहण जैसा वातावरण बनाएंगे।
1. ऑकुल्टर अंतरिक्ष यान: यह सूर्य की रोशनी को रोकने का काम करेगा। इसमें 1.4 मीटर का ऑकुल्टर डिस्क है, जो सूर्य के प्रकाश को छानकर एक 8 सेंटीमीटर चौड़ी छाया उत्पन्न करेगा।
2. कोरोनाग्राफ अंतरिक्ष यान: यह दूसरे यान से 150 मीटर की दूरी पर स्थित होगा और सौर कोरोना का अध्ययन करने के लिए उन्नत ऑप्टिकल उपकरणों का उपयोग करेगा।
अद्वितीय क्षमताएँ
यह मिशन 19 घंटे 36 मिनट के कक्षीय समय में 6 घंटे तक सौर कोरोना का अध्ययन करेगा।यह दोनों सैटेलाइट सटीक रूप से एक सीधी रेखा में रहेंगे, जिससे सूर्य के किनारों का सबसे नज़दीकी निरीक्षण किया जा सकेगा।
सोलर कोरोना का अध्ययन पृथ्वी पर प्राकृतिक सूर्य ग्रहण के दौरान संभव होता है, लेकिन यह घटना दुर्लभ और समय में सीमित होती है। प्रोबा-3 वैज्ञानिकों को मांग पर यह सुविधा उपलब्ध कराएगा।
वैज्ञानिक महत्व
सौर कोरोना का अध्ययन सौर गतिविधियों, जैसे सौर हवाओं और कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) की गहन समझ के लिए महत्वपूर्ण है। ये घटनाएँ पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और उपग्रहों पर प्रभाव डाल सकती हैं।
1. प्रोबा-3 सूर्य के किनारों के इतने करीब से निरीक्षण करेगा, जितना अब तक किसी अन्य उपकरण ने नहीं किया है।
2. सौर गतिविधियों से जुड़े रहस्यों को सुलझाने में यह मिशन मील का पत्थर साबित हो सकता है।
पृथ्वी पर शोध के लिए नई क्रांति
प्रोबा-3 प्राकृतिक सूर्य ग्रहण पर निर्भरता खत्म करेगा और सौर वैज्ञानिकों को व्यापक व विस्तारित डेटा प्रदान करेगा। इससे अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान, पृथ्वी के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिस्टम, और सौर ऊर्जा के संभावित अनुप्रयोगों पर नई संभावनाएँ खुलेंगी।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का यह प्रयास न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान को नई ऊंचाई पर ले जाएगा, बल्कि पृथ्वी पर सौर गतिविधियों के प्रभाव को समझने के लिए एक नई खिड़की खोलेगा। प्रोबा-3 का यह ऐतिहासिक मिशन विज्ञान के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत करेगा।
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